WhatsApp जासूसी विवाद पर बोली केंद्र सरकार- ‘यह बदनाम करने की कोशिश, मीडिया रिपोर्ट्स गलत’
व्हाट्सऐप (Photo Credits: File Photo)

नई दिल्ली: फेसबुक (Facebook) के स्वामित्व वाली मैसेजिंग एप वॉट्सऐप  (WhatsApp) से भारतीय नागरिकों की जासूसी होने की खबरों से हडकंप मचा हुआ है. इस बीच केंद्र सरकार ने एक बयान जारी कर कहा है कि वॉट्सऐप पर भारतीय नागरिकों की जासूसी (Spying) की रिपोर्ट गलत है. गृह मंत्रालय ने गुरुवार को आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि यह सरकार को बदनाम करने की कोशिश है. सरकार गोपनीयता भंग करने वाले किसी भी मध्यस्थ के खिलाफ कार्रवाई करेगी.

वॉट्सऐप मामले में गृह मंत्रालय ने आज बयान जारी कर कहा कि नागरिकों के निजता का कोई उल्लंघन नहीं हुआ है. यह भारत की छवि धूमिल करने की कोशिश की जा रही है. सरकार नागरिकों के निजता के अधिकार समेत उनके मौलिक अधिकारों की रक्षा करने को लेकर प्रतिबद्ध है.

उल्लेखनीय है कि फेसबुक ने एक इजरायली सर्विलांस कंपनी एनएसओ ग्रुप के खिलाफ मुकदमा दायर किया है. दिग्गज कंपनी ने आरोप लगाते हुए कहा कि अत्यधिक सोफिस्टिकेटेड मेलवेयर का इस्तेमाल करके सिविल सोसाइटी के वरिष्ठ सदस्यों के साथ 1,400 व्हाट्सएप यूजर्स को टारगेट किया गया है. यह पहली बार है, जब यूजर्स पर इस प्रकार का हमला करने के लिए कंपनी ने किसी निजी संस्थान के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की है.

वॉट्सऐप ने मई 2019 में अपने सिस्टम के वीडियो कॉलिंग पर हुए बेहद गंभीर सोफिस्टिकेटेड मैलवेयर हमले को रोका था. हमले का मकसद कई व्हाट्सएप यूजर्स के मोबाइल उपकरणों पर मिस्ड कॉल के माध्यम से मेलवेयर भेजना था.

फेसबुक के अनुसार एनएसओ ग्रुप ने यूजर्स के स्मार्टफोन को हैक करने के लिए वॉट्सऐप की एक खामी का इस्तेमाल कर यूएस कंप्यूटर फ्रॉड और अब्यूज एक्ट और कानूनों का उल्लंघन किया है.

वाशिंगटन पोस्ट ने वॉट्सऐप प्रमुख विल कैथार्थ के हवाले से कहा, "इसने पूरी दुनिया में कम से कम 100 मानवाधिकार रक्षक, पत्रकार और सिविल सोसाइटी के अन्य सम्मानित सदस्यों को निशाना बनाया." वहीं, एनएसओ ग्रुप ने एक बयान में इन सभी बतों से इनकार करते हुए कहा कि वह आरोपों का खंडन करता है और इसके खिलाफ 'सख्ती से लड़ने के लिए' तैयार है.