श्रीनगर-जम्मू राजमार्ग पर असैन्य आवाजाही पर लगी रोक में सरकार ने दी ढील
जम्मू कश्मीर के राज्यपाल ने श्रीनगर-जम्मू राष्ट्रीय राजमार्ग पर असैन्य परिवहन की आवाजाही पर लगी रोक में सार्वजनिक दबाव के कारण शनिवार को आंशिक ढील दे दी. सुरक्षाबलों की आवाजाही सुनिश्चित करने के लिए श्रीनगर-जम्मू राष्ट्रीय राजमार्ग पर असैन्य परिवहन के ऊपर सप्ताह के दो दिन रोक लगा दी गई थी...
जम्मू कश्मीर के राज्यपाल ने श्रीनगर-जम्मू राष्ट्रीय राजमार्ग पर असैन्य परिवहन की आवाजाही पर लगी रोक में सार्वजनिक दबाव के कारण शनिवार को आंशिक ढील दे दी. सुरक्षाबलों की आवाजाही सुनिश्चित करने के लिए श्रीनगर-जम्मू राष्ट्रीय राजमार्ग पर असैन्य परिवहन के ऊपर सप्ताह के दो दिन रोक लगा दी गई थी. सरकार ने पुलवामा आतंकवादी हमले के बाद सुरक्षाबलों की सुरक्षित आवाजाही सुनिश्चित करने के लिए यह रोक सात अप्रैल को लगाई थी. इसके तहत राष्ट्रीय राजमार्ग-44 पर 31 मई तक बुधवार और शनिवार को सुबह चार बजे से शाम पांच बजे तक असैन्य आवाजाही पर रोक लगा दी गयी थी. इस कदम की कश्मीर घाटी में काफी आलोचना हुई थी। घाटी के कुछ नेताओं ने रोक को तुगलकी फरमान करार दिया था.
एक आधिकारिक प्रवक्ता ने यहां कहा, ‘‘राष्ट्रीय राजमार्ग-44 पर श्रीनगर से बारामुला के बीच असैन्य आवाजाही पर रोक अब सिर्फ रविवार को जारी रहेगी और यह कदम 22 अप्रैल से प्रभावी होगा। बुधवार को अब असैन्य परिवहन पर रोक नहीं होगी.’’ हालांकि श्रीनगर से उधमपुर के बीच पहले की तरह रोक जारी रहेगी. उसने कहा कि प्रशासन हर समय सुरक्षाबलों के काफिले की जरूरत की निगरानी कर रहा है और लोगों को होने वाली असुविधा को कम से कम किये जाने के हर संभव प्रयास किये जा रहे हैं. प्रवक्ता ने कहा, ‘‘उदाहरण के लिये 17 अप्रैल को बुधवार होने के बाद भी असैन्य आवाजाही पर रोक नहीं थी क्योंकि उस दिन सुरक्षाबलों के काफिले को आने-जाने की आवश्यकता नहीं थी.’’
उसने कहा, ‘‘सरकार ने एक बार फिर से सुरक्षाबलों की जरूरतों की समीक्षा की, खासकर 11 अप्रैल को बारामुला और जम्मू में तथा 18 अप्रैल को श्रीनगर और उधमपुर में लोकसभा चुनाव का मतदान सफलतापूर्वक हो जाने के आलोक में समीक्षा की गई. सुरक्षाबलों को अब हटाया जाने लगा है जिससे उनकी जरूरतें कम हुई हैं. अत: सरकार ने रोक में आंशिक ढील देने का निर्णय लिया.’’उसने कहा कि समय-समय पर इसकी समीक्षा की जाएगी और रोक में छूट की जरूरत महसूस किए जाने पर इसमें ढील दी जाएगी.
प्रवक्ता ने कहा, ‘‘पुलवामा आतंकवादी हमले के बाद सुरक्षाबलों की आवाजाही में अप्रत्याशित बढ़ोत्तरी हुई. सुरक्षाबलों की जरूरत आतंकवाद रोधी अभियानों तथा शांतिपूर्ण चुनाव संपन्न कराने को लेकर थी. सरकार ने सुरक्षाबलों के काफिले की सुरक्षित और बेरोकटोक आवाजाही सुनिश्चित करने के लिए असैन्य आवाजाही पर सीमित रोक लगाने का फैसला किया था.’’उसने कहा कि रोक सप्ताह के कुल समय के महज 15 प्रतिशत हिस्से पर थी. उसने कहा कि सरकार लोगों को होने वाली असुविधा को कम से कम करने के प्रति सजग है.