Godhra Train Burning Case: गोधरा ट्रेन अग्निकांड मामले में आज से SC में शुरू होगी सुनवाई, गुजरात सरकार HC के फैसले को दी है चुनौती
सुप्रीम कोर्ट (Photo: Wikimedia Commons)

Godhra Train Burning Case: 2002 के गोधरा ट्रेन अग्निकांड मामले में गुजरात सरकार और कई अन्य दोषियों द्वारा गुजरात उच्च न्यायालय के फैसले को चुनौती देते हुए उच्चतम न्यायालय में याचिका दायर की गई थी, जिस पर आज से सुनवाई शुरू होने वाली है. शीर्ष अदालत ने कहा था कि वह छह और सात मई को इस मामले में अंतिम सुनवाई शुरू करेगी.

न्यायमूर्ति जे. के. माहेश्वरी और न्यायमूर्ति राजेश बिंदल की पीठ ने एक दोषी की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता संजय हेगड़े से कहा था कि वे दोषी के खिलाफ आरोपों का ‘शीर्षकवार’ विवरण, अदालतों के निष्कर्ष और उनके विरोध में रिकॉर्ड पर उपलब्ध साक्ष्यों के साथ अपने अभ्यावेदन का संशोधित संकलन तीन मई तक प्रस्तुत करें. यह भी पढ़े: Godhra Train Burning Case: गोधरा कांड में उम्रकैद की सजा काट रहे 8 दोषियों को SC से बड़ी राहत, कोर्ट ने दी जमानत

उच्चतम न्यायालय ने अन्य दोषियों और गुजरात सरकार की ओर से पेश वकीलों को भी इसी प्रकार संशोधित प्रारंभिक संकलन दाखिल करने के निर्देश दिए हैं.

न्यायमूर्ति माहेश्वरी ने कहा, “इस मामले की सुनवाई के लिए कम से कम दो सप्ताह का समय आवश्यक होगा। सबसे पहले हम छह और सात मई को पूरे दिन इस पर सुनवाई करेंगे। इन तिथियों पर किसी अन्य मामले की सुनवाई नहीं होगी, जब तक कि इस अदालत द्वारा विशेष रूप से ऐसा निर्देश न दिया जाए।” पीठ ने रजिस्ट्री से कहा कि यदि आवश्यक हो, तो इस संबंध में भारत के प्रधान न्यायाधीश से अनुमति प्राप्त की जाए।

गोधरा अग्निकांड में 59 लोगों की हुई थी मौत

27 फरवरी 2002 को गुजरात के गोधरा स्टेशन पर साबरमती एक्सप्रेस के एस-6 कोच में आग लगा दी गई थी, जिसमें 59 कारसेवकों की मृत्यु हो गई थी। इस घटना के बाद राज्यभर में व्यापक दंगे भड़क उठे थे.

11 दोषियों को सुनाई गई थी फांसी, बाद में उम्रकैद में बदली गई सजा

राज्य सरकार के वकील ने सुप्रीम कोर्ट को बताया था कि ट्रायल कोर्ट ने इस मामले में 11 दोषियों को मृत्युदंड और 20 अन्य को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। उच्च न्यायालय ने 31 दोषियों की दोषसिद्धि को बरकरार रखा, लेकिन 11 दोषियों की फांसी की सजा को उम्रकैद में बदल दिया.

गुजरात सरकार और दोषियों ने दी सजा के खिलाफ चुनौती

गुजरात सरकार ने हाईकोर्ट द्वारा मौत की सजा को उम्रकैद में बदलने के फैसले को चुनौती दी है, जबकि कई दोषियों ने हाईकोर्ट द्वारा सजा को बरकरार रखने के निर्णय को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है.

 

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