गोवा: ईको-रिसॉर्ट निर्माण मामला, मनोहर पर्रिकर के बेटे अभिजात को बड़ा झटका, बॉम्बे हाई कोर्ट ने भेजा नोटिस
गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर (Photo Credit: ANI)

पणजी: बंबई उच्च न्यायालय (Bombay High Court) की पणजी पीठ ने मंगलवार को गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर (CM Manohar Parrikar) के बेटे अभिजात (Abhijat Parrikar) को नोटिस जारी किया. पीठ ने यह नोटिस एक इको-रिसोर्ट के निर्माण (Eco Resort Construction) के लिए कथित रूप से वन क्षेत्र को नुकसान पहुंचाने का आरोप लगाते हुए उनके खिलाफ दाखिल याचिका पर जारी किया है. न्यायमूर्ति महेश सोनाक और न्यायमूर्ति पृथ्वीराज चव्हाण की पीठ ने राज्य के मुख्य सचिव, पर्यावरण व वन सचिव, प्रधान मुख्य वन संरक्षक और हाइडअवे हॉस्पीटैलिटी के प्रमोटर अभिजात पर्रिकर और अन्य उत्तरदाताओं को 11 मार्च तक नोटिस का जवाब देने का निर्देश दिया है.

4 फरवरी को नेत्रवाली पंचायत के उपसरपंच अभिजीत देसाई ने दक्षिणी गोवा में नेत्रवाली वन्यजीव अभ्यारण्य के समीप रिसोर्ट के निर्माण पर रोक लगाने की मांग करते हुए याचिका दाखिल की थी. याचिका के मुताबिक, परियोजना के कारण वन क्षेत्र तबाह हुए हैं और रिसोर्ट के शीघ्र निर्माण को सुनिश्चित करने के लिए राज्य की भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार द्वारा विशेष रूप से एक अध्यादेश लाया गया और कई कानूनों की अनदेखी की गई।. यह रिसोर्ट 90 हजार वर्गमीटर में फैला है. इस बीच, इस मामले को लेकर विपक्षी कांग्रेस और राज्य सरकार के बीच जुबानी जंग शुरू हो गई है. यह भी पढ़े: गोवा: मनोहर पर्रिकर कैबिनेट से हटाए गए दो मंत्री, इन नेताओं को दी जाएगी नई जिम्मेदारी

एक तरफ जहां कांग्रेस ने लगतार तीन भाजपानीत सरकारों पर भाई-भतीजावाद में संलिप्त होने और 2013 से परियोजना में कथित रूप से अवैध कार्रवाइयों का दावा किया है, वहीं भाजपा की राज्य इकाई के अध्यक्ष विनय तेंदुलकर ने अभिजात व मनोहर पर्रिकर द्वारा किसी प्रकार की गलती की बात को खारिज कर दिया है. उन्होंने कहा, "परियोजना में कुछ भी अवैध नहीं है। उन्होंने (अभिजात पर्रिकर) जमीन खरीदी है। हमें (मनोहर) पर्रिकर और उनके बेटे पर पूरा विश्वास है."