नई दिल्ली: भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए बुरी खबर आई है. चालू वित्त वर्ष (2024-2025) में देश की सकल घरेलू उत्पाद (GDP) की वृद्धि दर 6.4 प्रतिशत रहने का अनुमान है. जो चार साल का निचला स्तर है और वित्त वर्ष 24 में दर्ज 8.2% की ग्रोथ से तेज गिरावट है. पिछले वित्त वर्ष में देश की अर्थव्यवस्था 8.2 प्रतिशत की दर से बढ़ी थी. मंगलवार को जारी सरकारी आंकड़ों में यह जानकारी दी गई. यह अनुमान मार्च 2025 को समाप्त होने वाले चालू वित्त वर्ष के लिए भारतीय रिजर्व बैंक के हालिया अनुमान 6.6 प्रतिशत से कम है.
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राष्ट्रीय सांख्यिकीय कार्यालय (एनएसओ) ने वित्त वर्ष 2024-25 के लिए राष्ट्रीय आय का पहला अग्रिम अनुमान जारी करते हुए कहा कि वास्तविक जीडीपी के इस वित्त वर्ष में 6.4 प्रतिशत की दर से बढ़ने का अनुमान है.
वित्त वर्ष 2023-24 के लिए जीडीपी वृद्धि का अस्थायी अनुमान 8.2 प्रतिशत रहने की बात कही गई है. एनएसओ का चालू वित्त वर्ष के लिए जीडीपी वृद्धि का अनुमान भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के अनुमान से कम है. आरबीआई ने वित्त वर्ष 2024-25 में जीडीपी के 6.6 प्रतिशत की दर से बढ़ने का अनुमान जताया है.