भारतीय स्टेट बैंक ने अपनी रिपोर्ट में किया खुलासा, कहा- दूसरी तिमाही में 4.2 प्रतिशत रह सकती GDP वृद्धि दर
भारतीय स्टेट बैंक ने अपनी एक रपट में कहा है कि दूसरी तिमाही में जीडीपी (GDP) वृद्धि दर और नीचे जाकर 4.2 प्रतिशत रह सकती है. रपट के अनुसार, जीडीपी में यह गिरावट ऑटोमोबाइल की कम बिक्री, हवाई यातायात में गिरावट, कोर सेक्टर में सुस्त वृद्धि और निर्माण व अवसंरचना में घटते निवेश के कारण है. भारत का जीडीपी पहली तिमाही में पहले छह साल के न्यूनतम स्तर पांच प्रतिशत पर था.
भारतीय स्टेट बैंक (State Bank of India) ने अपनी एक रपट में कहा है कि दूसरी तिमाही में जीडीपी (GDP) वृद्धि दर और नीचे जाकर 4.2 प्रतिशत रह सकती है. रपट के अनुसार, जीडीपी में यह गिरावट ऑटोमोबाइल (Automobile) की कम बिक्री, हवाई यातायात में गिरावट, कोर सेक्टर में सुस्त वृद्धि और निर्माण व अवसंरचना में घटते निवेश के कारण है. इसके साथ ही बैंक ने वित्तवर्ष 2020 के लिए वृद्धि दर का अनुमान पूर्व के 6.1 के घटाकर पांच प्रतिशत कर दिया. एसबीआई से पहले एडीबी, विश्व बैंक, ओईसीडी, आरबीआई और आईएमएफ जैसी अन्य वैश्विक एजेंसियां वित्तवर्ष 2020 के लिए भारत की वृद्धि दर का अनुमान घटा चुकी हैं.
बैंक ने रपट में कहा है, "हमारे प्रमुख समग्र संकेतक के आधार पर जीडीपी वृद्धि दर वित्त वर्ष 2020 की प्रथम तिमाही में पांच प्रतिशत से कम होकर 4.2 प्रतिशत रह सकती है, क्योंकि ऑटोमोबाइल की बिक्री घट रही है, हवाई यातायात घट रहा है, कोर सेक्टर में मंदी है और निर्माण व अवसंरचना में निवेश घट रहा है."
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एसबीआई ने कहा, "भारत का जीडीपी पहली तिमाही में पहले छह साल के न्यूनतम स्तर पांच प्रतिशत पर था. लेकिन हमारे 33 उच्च तीव्रता वाले प्रमुख संकेतक बताते हैं कि वित्त वर्ष 2019 में जो एक्सीलरेशन रेट 65 प्रतिशत था, वह वित्तवर्ष 2020 की दूसरी तिमाही में घटकर 27 प्रतिशत हो गया है. इसके अलावा स्काईमेट ने भी कहा है कि देश में चार महीने के मानसून के दौरान कुल दीर्घकालिक औसत का 110 प्रतिशत यानी 89 प्रतिशत बारिश हुई है, जो सामान्य श्रेणी से ऊपर है."