GDP में सुधार, चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में 7.5 फीसदी घटी, अप्रैल-जून में आई थी 23.9% की गिरावट

भारतीय अर्थव्यवस्था धीरे-धीरे ही सही लेकिन कोरोना वायरस महामारी से उबर रही है. देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में चालू वित्त वर्ष 2020-21 की दूसरी तिमाही में 7.5 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है. यह पहली तिमाही अप्रैल-जून में 23.9 प्रतिशत प्रतिशत की गिरावट की तुलना में कम है. केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही के जीडीपी आंकड़े 27 नवंबर को जारी किये गए.

जीडीपी | प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credits: IANS)

नई दिल्ली: भारतीय अर्थव्यवस्था (Indian Economy) धीरे-धीरे ही सही लेकिन कोरोना वायरस महामारी से उबर रही है. देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में चालू वित्त वर्ष 2020-21 की दूसरी तिमाही में 7.5 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है. यह पहली तिमाही अप्रैल-जून में 23.9 प्रतिशत प्रतिशत की गिरावट की तुलना में कम है. केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही के जीडीपी आंकड़े 27 नवंबर को जारी किये गए. अमेरिकी अर्थव्यवस्था में तीसरी तिमाही में 33.1 प्रतिशत की रिकार्ड वृद्धि

कोरोना काल में देश की जीडीपी में लगातार दूसरी तिमाही में गिरावट दर्ज की गई है. अधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक अक्टूबर में आठ प्रमुख क्षेत्रों का उत्पादन भी 2.5 प्रतिशत घटा है. वहीं पहली तिमाही में जीडीपी में 23.9 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई थी. गिरावट में कमी का कारण कोविड-19 महामारी की रोकथाम के लिये लगाये गये ‘लॉकडाउन’ के प्रभाव से अर्थव्यवस्था का धीरे-धीरे पुनरूद्धार के रास्ते पर वापस आना है.

प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद (पीएमईएसी) के अंशकालिक सदस्य नीलेश शाह ने मंगलवार को कहा कि चालू वित्त वर्ष की सितंबर तिमाही में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में गिरावट पहली तिमाही के मुकाबले कम होगी और यह ऊपरी स्तर के एक अंक में रह सकती है.

कोरोना वायरस महामारी और उसकी रोकथाम के लिये लगाये गये ‘लॉकडाउन’ से चालू वित्त वर्ष 2020-21 की पहली तिमाही अप्रैल-जून में जीडीपी में 23.9 प्रतिशत की गिरावट आयी थी. इसके आधार पर पूरे वित्त वर्ष में 14 प्रतिशत की गिरावट आने की आशंका थी. हालांकि ‘लॉकडाउन’ से जुड़ी पाबंदियां हटने के बाद आर्थिक गतिविधियां शुरू होने से स्थिति सुधरी है. इसको देखते हुए भारतीय रिजर्व बैंक ने जीडीपी में 2020-21 में 9.5 प्रतिशत की गिरावट का अनुमान जताया है.

रेटिंग एजेंसी इक्रा ने हाल ही में एक रिपोर्ट में कहा था कि सालाना आधार पर जीडीपी (2011-12 के स्थिर मूल्य पर) में 2020-21 की दूसरी तिमाही में गिरावट पहली तिमाही के मुकाबले घटकर 9.5 प्रतिशत रहने का अनुमान है. स्थिर मूल्य पर सकल मूल्य वर्धन (जीवीए) में गिरावट 8.5 प्रतिशत अनुमानित है जबकि पहली तिमाही में इसमें 22.8 प्रतिशत की गिरावट आयी थी.

इक्रा की रिपार्ट के अनुसार जीवीए में गिरावट में कमी का कारण उद्योग, विनिर्माण और निर्माण तथा सेवा क्षेत्रों में पहली तिमाही के मुकाबले सुधार है. चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में उद्योग में 9.3 प्रतिशत की गिरावट का अनुमान है जो पहली तिमाही मे 38.1 प्रतिशत थी. विनिर्माण और निर्माण क्षेत्रों के प्रदर्शन में सुधार से जीवीए में गिरावट कम हुई है। सेवा क्षेत्रों में 10.2 प्रतिशत गिरावट अनुमानित है जबकि पहली तिमाही में इसमें 20.6 प्रतिशत की गिरावट आयी थी.

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