पूर्वोत्तर भारत के 8 राज्यों में बनाया जाएगा गैस ग्रिड, केंद्रीय कैबिनेट ने लगाई मुहर
देश के पूर्वोत्तर राज्यों में गैस की सतत आपूर्ति के लिए मोदी सरकार ने बुधवार को अहम फैसला लिया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में पूर्वोत्तर भारत के आठ राज्यों में गैस ग्रिड तैयार करने का फैसला लिया गया है.
नई दिल्ली: देश के पूर्वोत्तर राज्यों में गैस की सतत आपूर्ति के लिए मोदी सरकार ने बुधवार को अहम फैसला लिया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में पूर्वोत्तर भारत के आठ राज्यों में गैस ग्रिड (Gas Grid) तैयार करने का फैसला लिया गया है. पूर्वोत्तर गैस ग्रिड बनाने का काम हाइड्रोकार्बन विजन-2030 के अंतर्गत किया जा रहा है.
पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय के मुताबिक हाइड्रोकार्बन विजन 2030 (विजन दस्तावेज) के तहत पूर्वोत्तर क्षेत्र में प्राकृतिक गैस आधारभूत संरचना का विकास के साथ राष्ट्रीय गैस पाईप लाइन ग्रिड बनाई जाएगी. इस तरह सार्वजनिक क्षेत्र की 5 कम्पनियों यानी गेल, आईओसीएल, ओआईएल, ओएनजीसी तथा एनआरएल का संयुक्त उद्यम ‘इंद्रधनुष गैस ग्रिड लिमिटेड (आईजीजीएल)’ बनाया गया है. LPG Price Hike: नए साल पर महंगाई का अटैक, 19 रूपए महंगा हुआ सिलेंडर
इस संयुक्त उद्यम को पूर्वोत्तर क्षेत्र में प्राकृतिक गैस पाईप लाइन ग्रिड (एनईजीजी) सभी पूर्वोत्तर राज्यों यानी असम, सिक्कम, मिजोरम, मणिपुर, अरुणाचल प्रदेश, त्रिपुरा नगालैंड तथा मेघालय में 9265 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से चरणबद्ध तरीके से बनाने का दायित्व सौंपा गया है.
भारत सरकार ने गैस ग्रिड का काम पूरा करने के लिए अतिरिक्त 15000 किलोमीटर की गैस पाईप लाइन तथा विभिन्न पाईप लाइन सेक्शनों के विकास की आवश्यकता चिन्हित की है. सार्वजनिक क्षेत्र के प्रतिष्ठानों द्वारा लागू की जा रही नई पाईप लाइन परियोजनाएं राष्ट्रीय गैस ग्रिड का हिस्सा हैं. इसमें पूर्वोत्तर गैस ग्रिड के अलावा जगदीशपुर-हल्दिया तथा बोकारो-धमरा पाईप लाइन परियोजना (जेएचबीडीपीएल), बरौनी से गुवाहाटी पाईप लाइन, कोच्चि-कूट्टानद-बेंगलुरु-मंगलूर (दूसरा चरण) पाइपलाइन परियोजना (केकेबीएमपीएल) शामिल है.