कोरोना वायरस महामारी को देखते हुए तमिलनाडु सरकार (Tamil Nadu Government) ने गणेश चतुर्थी (Ganesh Chaturthi) के दिन सार्वजनिक स्थानों पर गणेश प्रतिमा की स्थापना व विसर्जन करने पर रोक लगा दिया था. इसी के साथ राज्य की सरकार ने दिशा-निर्देश जारी कर सभी सार्वजनिक स्थानों के बजाय नागरिकों को अपने घरों में पूजा करने की सलाह दी है. वहीं, मामला मद्रास हाईकोर्ट (Madras High Court) की दहलीज तक पहुंच गया था. जहां सुनवाई के दौरान मद्रास हाई कोर्ट ने राज्य सरकार के विनायक चतुर्थी न मनाने के आदेश पर मुहर लगा दी है. कोर्ट के ने कहा है कि पंडालो में लोगों की भीड़ जमा होगी और कोरोना वायरस के संक्रमण का ज्यादा खतरा होगा. कोर्ट ने मौजूदा हालात को देखते हुए कहा है कि यह संभव नहीं है.
बता दें कि राज्य सरकार के फैसले के बाद बीजेपी ने सार्वजनिक स्थानों पर गणेश चतुर्थी मनाने की अनुमति नहीं देने के लिये सरकार पर निशाना साधते हुए पूछा था कि जब शराब की दुकानें खुल सकती हैं तो गणेश की मूर्ति क्यों नहीं स्थापित की जा सकती. तमिलनाडु बीजेपी के अध्यक्ष एल मुरुगन ने पूछा था, 'तमिलनाडु सरकार ने शराब की दुकानें खोलने की तो अनुमति दे दी, लेकिन विनायक की मूर्ति स्थापित करने की इजाजत नहीं दे रही. ऐसा क्यों? राज्य में 22 अगस्त को गणेश चतुर्थी मनायी जाएगी.
ANI का ट्वीट:-
Madras High Court upholds Tamil Nadu government's order, banning Vinayak Chaturthi (Ganesh Chaturthi) processions in the state; allows individuals to immerse idols. #COVID19 pic.twitter.com/lRc63Ok6tR
— ANI (@ANI) August 21, 2020
गौरतलब हो कि राज्य में बढ़ते कोरोना वायरस के प्रकोप को देखते हुए सूबे की सरकार ने यह फैसला लिया था. तमिलनाडु में कोविड-19 के 5,742 मरीजों को विभिन्न अस्पतालों से छुट्टी मिलने के साथ ही राज्य में ठीक हो चुके मरीजों की संख्या गुरुवार को तीन लाख के पार हो गई है. राज्य में 5,986 और लोगों के कोरोना वायरस से संक्रमित पाए जाने के साथ, संक्रमण के कुल मामले 3.61 लाख हो गए, जबकि संक्रमण के कारण 116 और मौतें होने से मृतकों की संख्या 6,239 तक पहुंच गई.