सुप्रीम कोर्ट ने रैनबैक्सी के पूर्व प्रवर्तक मलविंदर सिंह और शिविंदर सिंह को अवमानना का दोषी ठहराया
सुप्रीम कोर्ट ने रैनबैक्सी के पूर्व प्रवर्तकों मलविंदर सिंह और शिविंदर सिंह को शुक्रवार को न्यायालय की अवमानना का दोषी ठहराया. इन दोनों ने फोर्टिस हेल्थकेयर में अपने शेयर नहीं बेचने के शीर्ष अदालत के आदेश का उल्लंघन किया है. सिंगापुर के एक न्यायाधिकरण ने सिंह बंधुओं को दाइची सैंक्यो को राशि का भुगतान करने का फैसला सुनाया था.
उच्चतम न्यायालय (Supreme Court) ने रैनबैक्सी के पूर्व प्रवर्तकों मलविंदर सिंह (Malvinder Singh) और शिविंदर सिंह (Shivinder Singh) को शुक्रवार को न्यायालय की अवमानना का दोषी ठहराया. इन दोनों ने फोर्टिस हेल्थकेयर में अपने शेयर नहीं बेचने के शीर्ष अदालत के आदेश का उल्लंघन किया है. शीर्ष अदालत ने इससे पहले सिंह बंधुओं से उनकी योजना के बारे में पूछा था कि वे जापान की औषधि निर्माता कंपनी दायची सैंक्यो को 3,500 करोड़ रुपये का भुगतान कैसे करेंगे. सिंगापुर के एक न्यायाधिकरण ने सिंह बंधुओं को दाइची सैंक्यो को राशि का भुगतान करने का फैसला सुनाया था.
मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई और न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता की पीठ ने अपने फैसले में कहा कि रैनबैक्सी के पूर्व प्रवर्तक न्यायालय की अवमानना के दोषी हैं. पीठ ने कहा कि सिंह बंधुओं ने उसके पहले के उस आदेश का उल्लंघन किया है जिसमें उन्हें फोर्टिस समूह के अपने नियंत्रण वाले शेयरों की बिक्री मलेशियाई कंपनी आईएचएच हेल्थकेयर को नहीं करने के लिए कहा गया था.
न्यायालय ने कहा कि वे सजा के सवाल पर सिंह बंधुओं को बाद में सुनेंगे. जापानी फर्म ने सिंह बंधुओं के खिलाफ न्यायालय की अवमानना याचिका दायर की थी. इसमें आरोप लगाया गया था कि उनके पक्ष में दिया गया पंचाट का फैसला संकट में पड़ गया है क्योंकि सिंह बंधुओं ने फोर्टिस समूह में अपने नियंत्रण वाले अपने शेयर मलेशिया की कंपनी को बेच दिये हैं.