पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती शराब के मुद्दे पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के रवैए से नाखुश

मध्य प्रदेश में शराबबंदी को लेकर भाजपा के भीतर ही खींचतान नजर आने लगी है, पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती शराबबंदी की जोरदार पैरवी करती नजर आ रही है, तो उन्हें मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का साथ नहीं मिल रहा है.

उमा भारती (Photo Credits: PTI)

भोपाल, 4 अप्रैल : मध्य प्रदेश में शराबबंदी को लेकर भाजपा के भीतर ही खींचतान नजर आने लगी है, पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती शराबबंदी की जोरदार पैरवी करती नजर आ रही है, तो उन्हें मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का साथ नहीं मिल रहा है. अब तो दोनों के बीच इस मसले पर बातचीत भी बंद है, इससे उमा भारती नाखुश हैं. उन्होंने अपनी नाखुशी भी ट्वीट के जरिए जाहिर की है. उमा भारती ने शराबबंदी को लेकर पिछले दिनों भोपाल में एक शराब दुकान पर पत्थरबाजी कर अपने इरादे जाहिर कर दिए थे, मगर बार में उन्होंने शांतिपूर्वक आंदोलन की पैरवी की. अब उन्होंने ट्वीट कर मुख्यमंत्री चौहान को ही कटघरे में खड़ा कर दिया है.

उमा भारती ने शराबबंदी को लेकर एक के बाद एक कई ट्वीट किए. इनमें उन्होंने लिखा, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मेरे बड़े भाई शिवराज सिंह चौहान से 1984 से मार्च 2022 तक सम्मान एवं स्नेह के संबंध बने रहे, शिवराज ऑफिस जाते समय या मेरे हिमालय प्रवास के समय या मेरे किसी भजन का स्मरण आने पर या तो मुझसे मिलते थे या फोन करते थे. दोनों के बीच शराबबंदी को लेकर हुए विमर्श का जिक्र करते हुए उन्होंने ट्वीट किया, मैंने शिवराज से दो साल हर मुलाकात में शराबबंदी पर बात की है, अब बात बाहर सामने आ गई है तो भाई ने अनबोला क्यों कर दिया है और मीडिया के माध्यम से बात क्यों करने लगे हैं. शिवराज सिंह ने परसों कहा है कि लोग शराब पीना बंद कर दें तो मैं शराब की दुकानें बंद कर दूंगा. जब लोग शराब पिएंगे ही नहीं, दुकानें चलेंगी ही नहीं तो वह तो खुद ही बंद हो जाएंगी. यह भी पढ़ें : गृह मंत्री अमित शाह ने दंड प्रक्रिया (शनाख्त) विधेयक 2022 लोकसभा में किया पेश

उन्होंने अवैध शराब की बिक्री को लेकर प्रशासन और पुलिस को घेरते हुए ट्वीट किया, अवैध शराब की बिक्री को रोकने के लिए तो पुलिस एवं प्रशासन की जिम्मेदारी है, यह तो कानून व्यवस्था का सवाल है. पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने अपना परामर्श देते हुए ट्वीट किया, अभी हमें शुरूआत यहां से करना चाहिए, अहातों में शराब परोसने की व्यवस्था हम तुरंत बंद करें. स्कूल, अस्पताल, मंदिर एवं अन्य निषिद्ध स्थानों के पास शराब की दुकानें भी बंद हों. घर-घर शराब पहुंचाने की घिनौनी व्यवस्था तुरंत रुके. जहां महिलाएं या नागरिक विरोध करें वहां दुकाने न खोली जाएं, इन्हीं ने तो हमारी सरकार बनाई है.

उन्होंने आगे कहा, पहले इतना कर लें, फिर जो वैध एवं उचित स्थान पर शराब की दुकानें हों, वहां फोटो के साथ होडिर्ंग लगें कि शराब पीने से क्या-क्या नुकसान होते हैं. फिर जागरूकता अभियान चले, जिसमें सभी धर्मों के साधु संत, सामाजिक संस्थाएं तथा मेरे एवं शिवराज जी की तरह सभी दलों के नेता शामिल हों.

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