अबुधाबी: संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) की राजधानी अबू धाबी में पहले हिंदू मंदिर के 'शिलान्यास विधी' का कार्यक्रम शनिवार को रखा गया. इस ऐतिहासिक मौके पर बड़ी संख्या में हिंदू समुदाय के लोग शामिल हुए. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले साल फरवरी महीने में अपने दौरे के समय इस मंदिर की आधारशिला रखी थी.
जानकारी के मुताबिक पहले हिंदू मंदिर की आधारशिला का कार्यक्रम आज सुबह लगभग 9 बजे शुरू हुआ. इस दौरान यूएई और दुनियाभर के 2,500 से अधिक भारतीय पूजा स्थल पर मौजूद थे. बोचासनवासी श्री अक्षर पुरषोत्तम स्वामीनारायण संस्था (बीएपीएस) के मौजूदा गुरु और अध्यक्ष महंत स्वामी महाराज ने वैदिक रीति के अनुसार मंदिर का शिलान्यास किया.
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इस मौके पर यूएई में भारतीय राजदूत, नवदीप सूरी के अलावा यूएई सरकार के कई शीर्ष मंत्री कार्यक्रम में उपस्थित थे. यूएई के विदेश एवं अंतरराष्ट्रीय सहयोग मामलों के मंत्री शेख अब्दुल्लाह बिन जायेद अल नाहयान और सहिष्णुता मंत्री शेख नाहयान मुबारक अल नाहयान के साथ दुनियाभर के सामाजिक एवं आध्यात्मिक नेता कार्यक्रम में शामिल हुए.
अबू धाबी के वली अहद (क्राउन प्रिंस) शेख मोहम्मद बिन जाएद अल नहयन ने मंदिर के निर्माण के लिये 13.5 एकड़ जमीन गिफ्ट में दी है. इसके साथ ही यूएई सरकार ने इतनी ही जमीन मंदिर परिसर में पार्किंग सुविधा के निर्माण के लिये दी है.
A devotee joins in a ‘mahapuja’ or prayer service along with Hindu priests @BAPS and thousands of others at the ‘shilanyas’ or foundation stone laying ceremony for the UAE’s first traditional Hindu temple on Saturday @TheNationalUAE pic.twitter.com/uQp8WQ8qR4
— Ramola Talwar Badam (@ramolatalwar) April 20, 2019
अबू धाबी में पहले हिंदू मंदिर के 'शिलान्यास विधी' का आयोजन किया गया, इस मौके पर काफी संख्या में लोग हुए शामिल
प्रधानमंत्री @narendramodi ने फरवरी 2018 में अपने दौरे के वक्त इस मंदिर की आधारशिला रखी थी#AbuDhabi @IndembAbuDhabi pic.twitter.com/IliqzilZMD
— दूरदर्शन न्यूज़ (@DDNewsHindi) April 20, 2019
अबू धाबी में मंदिर बनाने की योजना को मंजूरी साल 2015 में प्रधानमंत्री मोदी के पहले दौरे के दौरान मिली थी. इस मंदिर में शिव, कृष्ण और अयप्पा भगवान की मूर्तियां होंगी. इस मंदिर का निर्माण भारतीय शिल्पकार कर रहे हैं. पश्चिम एशिया में पत्थरों से बना यह पहला हिंदू मंदिर होगा. बताया जा रहा है कि मंदिर निर्माण में इस्तेमाल होने वाले पत्थरों पर नक्काशी का काम भारत में किया जाएगा और फिर उसे यूएई भेजा जाएगा.