यति नरसिंहानंद पर कई राज्यों में FIR दर्ज! पैगंबर मोहम्मद पर दिया विवादित बयान, देशभर में विरोध प्रदर्शन जारी
यति नरसिंहानंद ने एक बार फिर विवाद खड़ा कर दिया है. पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी करने के बाद उनके खिलाफ कई राज्यों में एफआईआर दर्ज की गई है. इस बयान ने न केवल उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद बल्कि देशभर में विरोध प्रदर्शनों को जन्म दिया है.
Yati Narsinghanand Saraswati Hate Speech: गाजियाबाद के विवादास्पद पुजारी यति नरसिंहानंद ने एक बार फिर विवाद खड़ा कर दिया है. पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी करने के बाद उनके खिलाफ कई राज्यों में एफआईआर दर्ज की गई है. इस बयान ने न केवल उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद बल्कि देशभर में विरोध प्रदर्शनों को जन्म दिया है.
यति नरसिंहानंद पर केस दर्ज
यति नरसिंहानंद के खिलाफ कई राज्यों में पुलिस शिकायतें दर्ज की गई हैं. तेलंगाना और महाराष्ट्र के अमरावती में उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है. AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने हैदराबाद पुलिस कमिश्नर से मिलकर नरसिंहानंद के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज करने की मांग की है. महाराष्ट्र के अमरावती में नरसिंहानंद की टिप्पणी को लेकर हिंसक प्रदर्शन हुए, जिसमें 21 पुलिसकर्मी घायल हो गए और पुलिस की 10 गाड़ियां क्षतिग्रस्त हो गईं.
आपत्तिजनक बयान और विरोध प्रदर्शन
खबरों के अनुसार, यति नरसिंहानंद ने 29 सितंबर को गाजियाबाद के हिंदी भवन में एक कार्यक्रम के दौरान पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी की थी. जैसे ही यह बयान सोशल मीडिया पर फैला, गाजियाबाद के दासना देवी मंदिर के बाहर भारी संख्या में लोग इकट्ठा हो गए. पुलिस ने भीड़ को तितर-बितर किया और मंदिर के आसपास सुरक्षा बढ़ा दी है.
यति नरसिंहानंद कौन हैं?
यति नरसिंहानंद गाजियाबाद के दासना देवी मंदिर के प्रमुख पुजारी हैं और अपने भड़काऊ बयानों के लिए जाने जाते हैं. उनके खिलाफ पहले भी कई मामले दर्ज हो चुके हैं. नरसिंहानंद के करीबियों का दावा है कि उन्हें पुलिस ने हिरासत में लिया है, हालांकि पुलिस ने इस बात की पुष्टि नहीं की है.
ओवैसी और मुस्लिम संगठन की मांग
AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी के साथ कई मुस्लिम संगठनों, जैसे जमीयत उलेमा-ए-हिंद और जमात-ए-इस्लामी हिंद, ने नरसिंहानंद की गिरफ्तारी की मांग की है. इन संगठनों ने कहा कि नरसिंहानंद के बयान न केवल लाखों मुसलमानों की भावनाओं को ठेस पहुंचाते हैं, बल्कि यह जानबूझकर सांप्रदायिक तनाव भड़काने का प्रयास है. जमीयत उलेमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने कहा कि नरसिंहानंद द्वारा की गई "असहनीय अपमानजनक" टिप्पणी कानून के खिलाफ है और उन पर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए.
विरोध प्रदर्शन और राजनीतिक बयानबाज़ी
इस मामले ने राजनीतिक हलकों में भी उबाल ला दिया है. बीजेपी विधायक नंद किशोर गुर्जर ने आरोप लगाया कि दासना मंदिर पर शुक्रवार को हमला किया गया था. हालांकि, पुलिस ने इस तरह के हमले की पुष्टि नहीं की है. गुर्जर ने कहा कि पुलिस को सख्त कार्रवाई करते हुए रात में ही "10-20 लोगों को एनकाउंटर में मार देना चाहिए था," ताकि इस तरह की घटनाओं पर रोक लग सके.
इस बयान ने मामले को और अधिक तूल दे दिया है और इसे लेकर सांप्रदायिक तनाव बढ़ता जा रहा है. पुलिस द्वारा मामले की जांच की जा रही है और विभिन्न संगठनों की मांगों के बावजूद, अब तक नरसिंहानंद की गिरफ्तारी को लेकर स्थिति स्पष्ट नहीं है.
यति नरसिंहानंद द्वारा दिए गए इस बयान ने देशभर में गहरी असंतोष और विवाद पैदा कर दिया है. मुस्लिम समुदाय और कई संगठनों ने उनकी गिरफ्तारी की मांग की है, जबकि उनके समर्थक और कुछ राजनीतिक नेता इसे हिंदुत्व पर हमला मान रहे हैं. पुलिस और प्रशासन के लिए यह एक गंभीर चुनौती बन चुकी है, जिससे सांप्रदायिक सौहार्द को बनाए रखना महत्वपूर्ण हो गया है.