PM Kusum Yojana: किसानों को सौर ऊर्जा के क्षेत्र में सहायता प्रदान करने के उद्देश्य से भारत सरकार ने पीएम-कुसुम योजना प्रारंभ की है. इस योजना के तहत किसानों को सब्सिडी पर सौर (सोलर) पैनल मिलते हैं, जिससे ये बिजली बना सकते हैं. किसान जरूरत भर बिजली का उपयोग कर बाकी को बेचकर अतिरिक्त आय भी हासिल कर सकते हैं. इस योजना के तहत बीस लाख किसानों को सोलर पंप लगाने में मदद की जाएगी. पंद्रह लाख किसानों को ग्रिड से जुड़े सोलर पंप लगाने के लिए धन मुहैया कराया जाएगा. यह भी पढ़े: M-Kisan Yojana: प्रधानमंत्री ने पीएम-किसान योजना के तहत वित्तीय लाभ की 8वीं किस्त जारी की
योजना के हैं तीन घटक
भारत सरकार ने फरवरी 2019 को किसान सुरक्षा एवं उत्थान महाभियान, पीएम कुसुम योजना को मंजूरी दी थी। इस योजना से किसानों की आय बढ़ने के साथ ही पानी की जरूरत पूरी होगी. इस योजना के तीन घटक हैं. पहला घटक विकेंद्रित ग्रिड से जुड़ी 10 हजार मेगावॉट की क्षमता के सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित करना है, जिसमें हर संयंत्र की क्षमता 02 मेगावॉट तक की होगी. दूसरा घटक 20 लाख सोलर पंप को लगवाना है और तीसरा घटक 15 लाख किसानों के सिंचाई पंप को सोलर पंप से जोड़ना है.
डीजल और केरोसिन पर कम होगी किसानों की निर्भरता
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि हमारा विश्वास है कि अन्नदाता उर्जादाता भी बन सकते हैं. पीएम कुसुम योजना से किसानों की डीजल और केरोसिन पर निर्भरता समाप्त होगी. इसके जरिए 2022 तक 30.08 गीगावाट बिजली उत्पादन क्षमता का लक्ष्य रखा गया है। इस योजना पर सरकार ने 34,422 करोड़ रुपए खर्च करने का एलान किया है.
पीएम कुसुम योजना के लिए ऐसे करें आवेदन
इस योजना के तहत आवेदन करने के लिए किसानों को सरकारी वेबसाइट https://mnre.gov.in/ पर जाकर पंजीकरण कराना होगा। इसके साथ ही आधार कार्ड, जमीन के दस्तावेज और बैंक खाते की जानकारी देनी होगी. सोलर प्लांट लगवाने के लिए जमीन विद्युत सब स्टेशन से ज्यादा दूर नहीं होनी चाहिए. किसान सोलर प्लांट खुद या जमीन को पट्टे पर देकर लगवा सकते हैं.
पंप लगवाने में 90 फीसदी तक की मिल रही है छूट
किसानों को अपनी जमीन पर सोलर पैनल स्थापित करने के लिए केवल 10 फीसदी रकम का भुगतान करना होगा. केंद्र एवं राज्य सरकारें किसानों को उनके बैंक खाते में 60 फीसदी सब्सिडी की रकम देती है. इसमें केंद्र और राज्यों की ओर से बराबर का योगदान देने का प्रावधान है. वहीं, बैंक की ओर से 30 फीसदी कर्ज का भी प्रावधान है. इस कर्ज को किसान अपनी होने वाली आमदनी से चुका सकते हैं.
आय का स्त्रोत बनेगा सोलर पंप
इस योजना के द्वारा बिजली या डीजल से चलने वाले पंप को सौर ऊर्जा से चलने वाले पंप में बदला जाएगा। सोलर पैनल से पैदा होने वाली बिजली का इस्तेमाल किसान पहले सिंचाई के काम में करेंगे, उसके अलावा जो बिजली अतिरिक्त बचेगी, उसे विद्युत वितरण कम्पनी को बेचकर 25 साल तक आमदनी कर सकते हैं। इसका एक और फायदा है कि सौर ऊर्जा से डीजल और केरोसिन के खर्च से राहत मिलेगी और प्रदूषण भी कम होगा. सोलर पैनल 25 साल तक चलेगा और इसका रखरखाव भी आसान है। इससे प्रत्येक किसान को 60 हजार से 1 लाख तक की आमदनी प्रतिवर्ष हो सकती है.