Farmers Protest: MSP गारंटी से कम कुछ मंजूर नहीं, केंद्र के प्रस्ताव पर बोले किसान नेता, 21 फरवरी तक होल्ड पर आंदोलन
Farmers Protest | PTI

चंडीगढ़: किसान MSP गारंटी पर कोई समझौता नहीं चाहते हैं. किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने सोमवार को कहा कि सरकारी एजेंसियों द्वारा न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर दलहन, मक्का और कपास खरीदने के केंद्र के प्रस्ताव पर किसान चर्चा करेंगे, लेकिन उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि वे फसलों के लिए एमएसपी की कानूनी गारंटी की अपनी मांग से पीछे नहीं हटेंगे.

उनकी टिप्पणी किसान नेताओं और तीन केंद्रीय मंत्रियों की एक समिति के बीच रविवार को हुई बैठक के बाद आई है.

फिलहाल ‘दिल्ली चलो’ अभियान को लेकर हजारों किसान पंजाब और हरियाणा की सीमा पर डटे हुये हैं. शंभू सीमा पर संवाददाताओं से पंधेर ने कहा कि केंद्र की ओर से दिये गये प्रस्ताव पर किसान चर्चा करेंगे. एक सवाल पर उन्होंने कहा कि किसान एमएसपी की गारंटी देने वाले कानून की अपनी मांग से पीछे नहीं हटे हैं और न ही कभी पीछे हटेंगे.

पंधेर ने बताया कि किसान नेता खनौरी सीमा पर पहुंच रहे हैं जहां एक किसान की मौत हो गई थी.

विरोध प्रदर्शन में शामिल एक 72 वर्षीय किसान की रविवार को दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई. इससे पहले शंभू सीमा पर एक अन्य 63 वर्षीय किसान की भी इसी तरह मौत हो गई थी.

किसानों के मुद्दे पर वाणिज्य और उद्योग मंत्री गोयल, कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री अर्जुन मुंडा और गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने किसान नेताओं के साथ चौथे दौर की बातचीत की.

एमएसपी के लिए कानूनी गारंटी के अलावा, किसान कृषकों के कल्याण के लिए स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को लागू करने, किसानों और खेत मजदूरों के लिए पेंशन तथा कर्ज माफी, लखीमपुर खीरी हिंसा के पीड़ितों के लिए ‘‘न्याय’’, भूमि अधिग्रहण अधिनियम 2013 को बहाल करने और पिछले आंदोलन के दौरान मारे गए किसानों के परिवारों को मुआवजा देने की भी मांग कर रहे हैं.

केंद्र ने रखा ये प्रस्ताव

केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने बैठक के बाद कहा था,‘‘ भारतीय राष्ट्रीय उपभोक्ता सहकारी संघ मर्यादित (एनसीसीएफ) और भारतीय राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन संघ (नेफेड) जैसी सहकारी समितियां उन किसानों के साथ एक समझौता करेंगी जो तुअर दाल, उड़द दाल, मसूर दाल या मक्का के खेती करते हैं ताकि उनकी फसल अगले पांच वर्षों के लिए एमएसपी पर खरीदी जा सके.’’

उन्होंने कहा, ‘‘ फसल खरीद की मात्रा की कोई सीमा नहीं होगी और इसके लिए एक पोर्टल भी तैयार किया जाएगा.’’ गोयल ने यह भी प्रस्ताव दिया कि भारतीय कपास निगम किसानों के साथ समझौता करने के बाद पांच साल तक एमएसपी पर उनसे कपास खरीदेगा.

केंद्र के प्रस्ताव पर होगी चर्चा 

बैठक के बाद किसान नेताओं ने कहा कि वे सोमवार और मंगलवार को अपने मंच पर सरकार के प्रस्ताव को लेकर चर्चा करेंगे और उसके बाद आगे का फैसला लेंगे. पंधेर ने अन्य मांगों के समाधान की उम्मीद भी जताई थी और कहा था कि ‘दिल्ली चलो’ मार्च फिलहाल रुका हुआ है, लेकिन अगर सभी मुद्दे नहीं सुलझे तो 21 फरवरी को सुबह 11 बजे फिर से शुरू होगा.

हालांकि, गोयल ने रेखांकित किया कि किसानों की अन्य मांगें ‘नीति-आधारित’ हैं और गहन चर्चा के बिना समाधान संभव नहीं है. उन्होंने कहा, ‘‘चुनाव आ रहे हैं और नयी सरकार बनेगी...इस तरह के मुद्दों पर चर्चा जारी रहेगी.’’

बैठक में पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान भी शामिल हुये और उन्होंने किसानों के हितों के खातिर फसल खरीद के लिए एमएसपी को कानूनी गारंटी बनाये जाने की वकालत की. पंजाब के किसानों ने अपनी मांगों को लेकर केंद्र पर दबाव बनाने के लिए मंगलवार को दिल्ली की ओर मार्च शुरू किया था, लेकिन सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें हरियाणा-पंजाब की शंभू और खनौरी सीमा पर रोक दिया.