कोलकाता, 24 अक्टूबर : केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने सोमवार को जानकारी दी कि पश्चिम बंगाल और सिक्किम में फर्जी पासपोर्ट रैकेट के मामले में कोलकाता में क्षेत्रीय पासपोर्ट कार्यालय (आरपीओ) के चार कर्मचारियों, जिनमें तीन वरिष्ठ पासपोर्ट सहायक और एक स्टेनोग्राफर शामिल हैं, को गिरफ्तार किया गया है. एजेंसी के अंदरूनी सूत्रों ने मीडियाकर्मियों को बताया कि कोलकाता आरपीओ से गिरफ्तार किए गए चार लोगों को 21 अक्टूबर को गंगटोक की एक अदालत में पेश किया गया था. इस समय वे 25 अक्टूबर तक सीबीआई की हिरासत में हैं.
उन्होंने यह भी कहा कि एजेंसी द्वारा दर्ज की गई एफआईआर में कुल 24 लोगों को नामित किया गया है, जिसमें ये चार लोग शामिल हैं, जिनकी पहचान वरिष्ठ पासपोर्ट सहायक उत्तम कुमार भैरों, निसिथ बरन साहा और देबाशीष भट्टाचार्य और स्टेनोग्राफर मनीष कुमार गुप्ता के रूप में की गई है. इस मामले में फर्जी पासपोर्ट रैकेट में शामिल दो पासपोर्ट अधिकारियों और चार एजेंटों को पहले सीबीआई ने गिरफ्तार किया था. सीबीआई को संदेह है कि इस रैकेट का जाल केवल पासपोर्ट विभाग तक ही सीमित नहीं होगा, बल्कि केंद्र और राज्य सरकारों के अन्य विभागों में भी फैला हो सकता है. यह भी पढ़ें : मंदिर शोभायात्रा : तिरुवनंतपुरम हवाई अड्डे पर उड़ान सेवाएं सोमवार को पांच घंटे तक निलंबित रही
एजेंसी को पहले ही इस घोटाले के पीछे एक अंतर्राष्ट्रीय महिला तस्करी रैकेट के सुराग और उजागर लिंक मिल चुके हैं. कुछ दिन पहले दार्जिलिंग जिले के नक्सलबाड़ी से वरुण सिंह राठौड़ नाम के एक व्यक्ति की गिरफ्तारी के बाद केंद्रीय एजेंसी को इस लिंक के बारे में कुछ निश्चित सुराग मिले हैं. सीबीआई का संदेह इसलिए गहरा गया, क्योंकि राठौड़ के पास से बरामद किए गए अधिकांश फर्जी पासपोर्ट उत्तर बंगाल और निकटवर्ती सिक्किम की महिलाओं के थे.