ओडिशा में 641 करोड़ रुपये के नकली GST चालान का पदार्फाश, 2 गिरफ्तार
जीएसटी (Photo Credits: PTI)

भुवनेश्वर, 17 जुलाई : ओडिशा (Odisha) की जीएसटी प्रवर्तन शाखा ने 641 करोड़ रुपये के नकली चालान जारी करने वाले एक रैकेट का खुलासा किया है और 115.10 करोड़ रुपये के फर्जी इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) का लाभ उठाने और पारित करने में शामिल होने के आरोप में दो लोगों को गिरफ्तार किया है. राज्य जीएसटी आयुक्त एसके लोहानी ने कहा कि गिरफ्तार किए गए दो मास्टरमाइंडों की पहचान तिरुपति ट्रेडर्स के मैनेजिंग पार्टनर गुरदित डांग और सतगुरु मेटल्स एंड पावर प्राइवेट लिमिटेड, राउरकेला के अधिकृत प्रतिनिधि और स्मार्टेजिस ट्रेड वेंचर प्राइवेट लिमिटेड, राउरकेला के निदेशक सुजय मैत्रा के रूप में हुई है.

उन्होंने कहा कि डांग को राउरकेला से गिरफ्तार किया गया था, जबकि मैत्रा को शुक्रवार सुबह भुवनेश्वर से पकड़ा गया. लोहानी ने कहा कि दो मास्टरमाइंड, दूसरों के साथ मिलकर, अंगुल, राउरकेला, बनाई, एरसामा, तिरटोल, रियामल और सुंदरगढ़ में स्थित 16 फर्जी/ गैर-मौजूद व्यापारिक संस्थाओं के नाम पर फर्जी आईटीसी का फायदा उठाते हुए फर्जी खरीद चालान का लाभ उठाते थे. जांच के दौरान, जीएसटी प्रवर्तन विंग ने पाया कि दोनों ने प्लंबर, ड्राइवर, इलेक्ट्रिकल मैकेनिक, गैस वितरण करने वाले लड़कों, बेरोजगार युवाओं और गरीबी रेखा से नीचे के लोगों जैसे निर्दोष लोगों के पैन, आधार, बैंक पासबुक आदि जैसे पहचान दस्तावेज प्राप्त किए थे. यह भी पढ़ें :GSEB 12th Science Result 2021 Declared: गुजरात बोर्ड 12वीं के साइंस स्ट्रीम का रिजल्ट जारी, ऐसे करें चेक

सूत्रों ने कहा कि उन्होंने दस्तावेजों को विभिन्न कंपनियों में शामिल करने के बहाने और कुछ मामलों में 5,000 रुपये की नियमित मासिक आय प्रदान करने के लिए प्राप्त किया था, और फिर जीएसटी पंजीकरण प्राप्त करने के उद्देश्य से दस्तावेजों का दुरुपयोग किया था.जांच करने वाले अधिकारियों ने यह भी पाया कि टन वजन का माल कई मौकों पर दोपहिया, कारों, तिपहिया और स्कूटर के माध्यम से ले जाया गया था. राज्य जीएसटी प्रवर्तन विंग ने अब तक 20 जालसाजों को फर्जी चालान जारी करने में शामिल होने के आरोप में गिरफ्तार किया है.

राज्य के जीएसटी अधिकारियों द्वारा अब तक 25,400 डीलरों के पंजीकरण उनके न होने के आधार पर या रिटर्न दाखिल न करने के कारण उनके गैर-मौजूदगी के आधार पर रद्द कर दिए गए हैं. सभी गैर-मौजूदा पंजीयकों को बाहर करने के लिए शुक्रवार को दो महीने का विशेष अभियान भी शुरू किया गया था. आयुक्त ने आम जनता से अपील की कि वे अपने पहचान दस्तावेज, व्यक्तिगत विवरण, बैंक विवरण आदि किसी भी अनधिकृत व्यक्ति के साथ साझा न करें. साथ ही, उन्हें किसी भी अनधिकृत व्यक्ति को अपनी ओर से या उनके नाम पर व्यवसाय या बैंक खाता संचालित करने की अनुमति नहीं देनी चाहिए.