EPFO नियम में बड़ा बदलाव... 7 करोड़ पीएफ धारकों को ऐसे होगा फायदा
EPFO Rules

EPFO Rule Change: देश के करोड़ों वेतनभोगी कर्मचारियों के लिए बड़ी राहत भरी खबर है, क्योंकि केंद्र सरकार भविष्य निधि (EPF) से जुड़े नियमों में बड़ा बदलाव करने की तैयारी कर रही है. फिलहाल पीएफ (PF) खाते से पैसा निकालना काफी जटिल और समय लेने वाली प्रक्रिया है, जिसमें कई शर्तें और प्रतिबंध होते हैं. लेकिन सरकार इसे अधिक लचीला और कर्मचारियों के अनुकूल बनाने पर विचार कर रही है.

सूत्रों के अनुसार, अगले एक साल के भीतर पीएफ निकासी के नियमों को सरल और व्यावहारिक बनाने की योजना है. चूंकि यह पैसा पूरी तरह से कर्मचारी का होता है, इसलिए उन्हें इसे अपनी जरूरतों के अनुसार निकालने और इस्तेमाल करने की पूरी स्वतंत्रता दी जाएगी. इस कदम से लाखों पीएफ सदस्यों को वित्तीय मदद मिलने की संभावना है, खासकर मुश्किल समय में.

वर्तमान नियम क्या हैं?

वर्तमान में, कर्मचारी अपनी सेवा समाप्त होने या बेरोजगारी की स्थिति में अपने पीएफ खाते की पूरी राशि निकाल सकते हैं. कुछ परिस्थितियों में आंशिक निकासी भी संभव है, जैसे घर खरीदने के लिए, बच्चों की शादी या शिक्षा के खर्चों के लिए. लेकिन इन मामलों में भी न्यूनतम सेवा अवधि और निकासी की सीमा निर्धारित होती है.

उदाहरण के लिए, यदि किसी सदस्य ने सात साल की सेवा पूरी कर ली है, तो वह अपने पीएफ खाते में जमा कुल राशि (सहित ब्याज) का 50% तक निकाल सकता है. यह पैसा अपनी शादी, बच्चों की शादी या भाई-बहन की शादी के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है. वहीं, यदि कोई सदस्य अपने परिवार के लिए घर खरीदना चाहता है, तो वह 90% तक की राशि निकाल सकता है. इसके लिए उसे कम से कम तीन साल काम किया होना चाहिए और घर उसके या उसकी पत्नी के नाम होना चाहिए.

शिक्षा के लिए निकासी के मामले में, पीएफ राशि केवल बच्चों की मैट्रिक के बाद की शिक्षा के लिए ही निकाली जा सकती है. इसके लिए सदस्य ने कम से कम सात साल की नौकरी पूरी करनी जरूरी है, और निकासी सीमा अधिकतम 50% है.

नई योजना क्या बदलाव ला सकती है?

सूत्रों के अनुसार, नए नियमों के तहत संभव है कि सदस्य हर 10 साल में एक बार अपने पीएफ खाते से पूरी या आंशिक राशि निकाल सकेंगा. इससे कर्मचारियों को अपनी वित्तीय जरूरतों और व्यक्तिगत लक्ष्यों के अनुसार पीएफ राशि का उपयोग करने में आसानी होगी, और उनकी आर्थिक स्थिति मजबूत बनेगी.

किसके लिए होगा फायदेमंद?

यह कदम विशेष रूप से उन कर्मचारियों के लिए उपयोगी होगा जो निम्न या मध्यम आय वर्ग से आते हैं, और जिनके पास अचानक नकद की आवश्यकता होती है. इन संभावित बदलावों से उनकी वित्तीय स्थिरता और आत्मनिर्भरता मजबूत होगी.

इस बदलाव से कर्मचारियों को न केवल सुविधा मिलेगी, बल्कि उनकी आर्थिक योजनाओं को भी अधिक लचीला और उपयोगी बनाया जा सकेगा.