नई दिल्ली. कोविड-19 (COVID-19) वायरस का प्रकोप भारत में बढ़ता जा रहा है. कोरोना के चलते देश में जो हालात हैं उसे देखते हुए पहले ही पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने लॉकडाउन को बढ़ाने का ऐलान किया हुआ है. हालांकि लॉकडाउन 4.0 नए रंग रूप में होगा. इसे लेकर जल्द ही दिशा निर्देश जारी होगा. लॉकडाउन (Lockdown in India) के कारण व्यापार, उद्योग धंधे पूरी तरह से बंद पड़े हैं. इसके साथ ही लॉकडाउन में बड़ी संख्या में प्रवासी मजदुर देश के अलग-अलग राज्यों में फंसे हुए हैं. इन मजदूरों को इनके गृह राज्य भेजने के लिए रेलवे की तरफ से विशेष श्रमिक ट्रेनें चलाई जा रही हैं. बावजूद इसके देश के प्रवासी मजदूरों का पैदल ही पलायन जारी है. प्रवासी मजदूरों की इस हालत को लेकर केंद्र और राज्य सरकार निशाने पर बनी हुई है. इसी बीच गृह मंत्रालय (Ministry of Home Affairs) ने इन प्रवासी मजदूरों के सड़कों और रेल की पटरियों पर पैदल चलने को लेकर सभी राज्यों को निर्देश जारी किया है.
गृह मंत्रालय ने अपने आदेश में कहा कि इन मजदूरों को इनके घर भेजने के लिए बस और श्रमिक ट्रेन का इंतजाम सभी राज्य सरकार को करना है. क्योंकि ये उनकी जिम्मेदारी है. इसके साथ ही प्रवासी मजदूरों के भोजन-पानी की जिम्मेदारी भी राज्य सरकारों की है. यह भी पढ़े-प्रवासी मजदूरों के लिए चलाई गई ट्रेन को लेकर रेलवे की नई गाइडलाइन, सीमित वेटिंग लिस्ट की होगी अनुमति
ANI का ट्वीट-
Union Home Secretary Ajay Bhalla has written to Chief Secretaries of all states and UTs to ensure that there is no movement of migrant workers on roads and railway tracks, and facilitate their movement through special buses or Shramik special trains. pic.twitter.com/AFN9bLPQPf
— ANI (@ANI) May 15, 2020
वहीं प्रवासी मजदूरों के पैदल घर जानें को लेकर आज देश की सबसे बड़ी अदालत में सुनवाई हुई. इस सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इन्हें जाने से रोकना संभव नहीं है. साथ ही कोर्ट ने कहा कि आप ऐसे लोगों को कैसे रोक सकते हो जो पैदल चलना चाहते हैं.
ज्ञात हो कि कोरोना लॉकडाउन के चलते प्रवासी मजदूरों के लिए ही श्रमिक स्पेशल ट्रेनें रेलवे चला रहा है. वैसे इन ट्रेनों को चलाने की घोषणा जब हुई थी प्रवासी मजदूरों को उम्मीद थी कि अब वे सुरक्षित अपने गृह राज्य पहुंच जाएंगे. लेकिन सच्चाई कुछ और ही बयां कर रही है. बताना चाहते है कि प्रवासी मजदूरों के लिए चल रही श्रमिक स्पेशल ट्रेनों को शुरू हुए 2 सप्ताह होने वाले हैं बावजूद इसके कुछ बदलता नहीं दिख रहा है.