प्रवासी मजदूरों के लिए चलाई गई ट्रेन को लेकर रेलवे की नई गाइडलाइन, सीमित वेटिंग लिस्ट की  होगी अनुमति
प्रवासी मजदूर (Photo Credits: ANI)

प्रवासी मजदूरों को उनके घर तक पंहुचाने के लिए पहले श्रमिक स्पेशल ट्रेन चलाई गईं, उसके बाद 12 मई से देश के अलग-अलग हिस्सों में फंसे लोगों के लिए स्पेशल ट्रेनें चलाई गई हैं. जिससे जाने के लिए सिर्फ आईआरसीटीसी के जरिए ही ई-टिकट ले सकते हैं. आपको बता दें कि रेलवे की नई गाइडलाइन के तहत सीमित वेटिंग लिस्‍ट की ही अनुमति है. स्पेशल ट्रेनों के संचालन और शहरों पर ठहराव के बारे में जानकारी देते हुए रेल मंत्रालय में कार्यकारी निदेशक मंदीप सिंह भाटिया ने कहा कि अभी ट्रेनों का पूरी तरह से संचालन शुरू नहीं हुआ है. दिल्ली से देश के सभी बड़े महत्वपूर्ण शहरों को जोड़ने के लिए 15 जोड़ी ट्रेनें चलाई जा रही हैं. इनमें हावड़ा, पटना, डिब्रूगढ़, अहमदाबाद, जम्मू तवी, बिलासपुर, अगरतला, बेंगलुरु, रांची, मडगांव, चेन्नई, भुवनेश्वर, सिकंदराबाद, मुंबई, तिरुवनन्तपुरम, अगरतला और मडगांव को ये ट्रेनें कवर करेंगी.

वहीं श्रमिक ट्रेनों को लेकर कहा कि 14 मई की शाम तक 800 श्रमिक स्पेशल ट्रेनें चलाई जा चुकी हैं और करीब 10 लाख प्रवासियों को उनके गंतव्य तक पहुंचाया जा चुका है. जैसे-जैसे राज्यों की मांग आ रही है, उस रूट पर ट्रेनें चलाई जा रही हैं। रेलवे को एक दिन में 300 स्पेशल ट्रेन चलाने की अनुमति मिल गई है। अगर मांग बढ़ेगी तो ट्रेनों की संख्या भी बढ़ाई जाएगी. यह भी पढ़े: रेलवे ने अब तक 806 श्रमिक ट्रेनों के जरिये 10 लाख प्रवासी मजदूरों को घर पहुंचाया: निर्मला सीतारमण

दिव्यांगो और बुजुर्गों की विशेष छूट बहाल

स्पेशल ट्रेनों के संचालन के बाद से कुछ नियमों में बदलाव किया गया है. मंदीप सिंह भाटिया ने बताया कि शुरूआत में बुजुर्गों और दिव्यांगों के लिए जो पहले विशेष छूट दी जाती थी उसे बाहर रख गया था. लेकिन एक बार फिर से छूट बहाल कर दी गई है. दिव्यांगो और बुजुर्गों के लिए टिकट बुकिंग में जो भी विशेष छूट दी जाती है, उसे अब 15 मई से अनुमति दे दी गई है। ऐसे लोग ई-टिकट बुकिंग कर विशेष छूट का लाभ ले सकते हैं.इसके अलावा वेटिंग लिस्ट या आरएसी की सुविधा स्पेशल ट्रेनों में नहीं है लेकिन मंदीप भाटिया ने कहा कि एक सीमित वेटिंग लिस्ट की अनुमति दी गई है.  दरअसल कुछ लोग स्टेशन पहुंच नहीं पाते या आखिरी क्षण में यात्रा कैंसिल कर देते हैं। दूसरी तरफ ट्रेनें भी कम हैं और जितनी सीटें हैं, उतने लोग ही जा सकते हैं.  सीटें खाली न रह जाएं इसलिए सीमित वेटिंग लिस्ट जारी होगी.

टिकट कैंसिलेशन चार्ज का नया नियम

वहीं कंफर्म टिकट होने पर भी यात्रा न कर पाने या जांच में तापमान अधिक आने ये अगर यात्रा नहीं करते तो भी रिफंड का प्ररूप दिया गया है। मंदीप भाटिया ने बताया कि स्पेशल ट्रेनों में अगर कंफर्म टिकट ट्रेन खुलने के समय से 24 घंटे के अंदर है तो 50 प्रतिशत तक का उसे रिफंड वापस मिल जाता है। 24 घंटे से ज्यादा समय है तो 75 प्रतिशत रिफंड मिलेगा और 48 घंटे पहले का टिकट है तो 100 प्रतिशत रिफंड मिल सकता है.

स्पेशल सॉफ्टवेयर के जरिए टिकट बुकिंग कर सकते हैं नेत्रहीन

स्पेशल ट्रेन या श्रमिक ट्रेनों से यात्रा करने वालों को कुछ गाइडलाइन भी दी गई है. जिसके तहत स्टेशन पर यात्रियों को आधिकारिक तौर पर 90 मिनट पहले पहुंचना है. अभी स्टेशन पर स्क्रिनिंग हो रही है, तो इसमें सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान रखते हुए जांच की जा रही है, इसलिए दो घंटे पहले भी पहुचेंगे तो जांच करा कर ट्रेन में अपनी बर्थ पर बैठ सकते हैं। इस दौरान उन्होंने बताया कि कई बार ब्लाइंड लोग परेशान हैं कि कैसे ई-टिकट की बुकिंग करें, तो उनके लिए स्मार्ट फोन में एक स्पेशल सॉफ्टवेयर आता है, जिसके जरिये यात्री बुकिंग कर सकते हैं। इसके अलावा अगर कोई साथ में है तो उससे भी बुकिंग करा सकते हैं या श्रमिक स्पेशल से जाना है तो जिले के नोडल अधिकारी से संपर्क कर नाम रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं.

अन्य ट्रेनों का होगा संचालन जल्‍द

अभी ट्रेनों का संचालन पूरी तरह से नहीं हुआ है ऐसे में मंदीप भाटिया ने बताया कि अभी लॉकडाउन 17 मई तक है.  इस बीच किसी भी लोकल ट्रेन की अनुमति नहीं है। जब आदेश आएगा तो सोशल डिस्टेंसिंग को ध्यान में रखते हुए ट्रेनें चलाने पर निर्णय लिया जाएगा। इसमें इस बात का ध्यान रखा जाएगा कि जितनी सीटें हैं, उतने लोग ही यात्रा करें। 15 जोड़ी स्पेशल ट्रेनें चल रही हैं, उनसे ही जहां भी जाना है, वहां के लिए ई-टिकट करा कर यात्री जा सकते हैं। 22 तारीख से ट्रेन चलेगी या नहीं, इसका आदेश आने के बाद भी इस बारे में कुछ फैसला होगा। बिहार जाने के लिए एक ट्रेन का संचालन किया जा रहा है, जो पटना तक जाएगी. इसके अलावा श्रमिक स्पेशल ट्रेन के जरिये भी यात्री जा सकते हैं.

आपको बता दें कि लॉकडाउन में भले ही यात्री ट्रेने बंद रही लेकिन रेलवे दिन रात काम करता रहा. चाहे आवश्यक सामानों की स्पलाई हो, डॉक्टरों के लिए पीपीईकिट बनाना हो, या लोगों को भोजन वितरण करना, तमाम चुनौतियों के बाद भी रेलवे लगातार डटा रहा। इस बारे में मंदीप भाटिया का कहना है कि रेल विभाग अनुशासन के साथ काम करता है.  रेलवे के सभी कर्मचारी दिन-रात काम में लगे हुए हैं.  आवश्यक सामान हो या लोगों को उनके घर पहुंचाने के लिए चलाई गई स्पेशल ट्रेन की बात, लॉकडाउन में रेलवे कर्मचारियों की वजह से ही ये सब संभव हो पाया है.  लॉकडाउन के वक्त रेल मंत्री की पहल से आईआरसीटीसी और रेलवे कर्मचारियों द्वारा स्टेशन के आसपास के इलाकों में भोजन का वितरण किया जा रहा है। रेलवे के कर्मचारी खुद लोगों को भोजन उपलब्ध कराने के लिए तत्पर हैं.