बेंगलुरु, 4 दिसंबर: ऐतिहासिक मैसूरु दशहरा समारोह के दौरान देवी चामुंडेश्वरी का गोल्डेन हौदा उठाने वाले 63 वर्षीय हाथी अर्जुन की सोमवार को एक दुःखद घटना में हाथी पकड़ने के अभियान के दौरान मौत हो गई.
मुख्यमंत्री सिद्दारमैया ने सोमवार को दुःख व्यक्त करते हुए कहा कि अर्जुन की मौत की खबर सुनकर उन्हें दुःख हुआ है. अर्जुन ने आठ बार जम्बू सावरी में भाग लिया, सबका चहेता बन गया, और शांतिपूर्वक जुलूस में 750 किलोग्राम गोल्डन हौदा लेकर शाही अंदाज में चला. अर्जुन ने एक जंगली हाथी से लड़ाई में अपनी जान गंवा दी.
सीएम सिद्धारमैया ने अर्जुन की देवी चामुंडेश्वरी की महत्वपूर्ण सेवा और जुलूस के दौरान लाखों लोगों के बीच उसकी राजसी पदयात्रा की स्थायी छवि पर जोर दिया.
पूर्व सीएम बसवराज बोम्मई ने शोक व्यक्त करते हुए कहा कि दशहरा के दौरान आठ बार गोल्डन हौदा ले जाने वाले गजराज अर्जुन ने एक जंगली हाथी को पकड़ने के ऑपरेशन में अपनी जान गंवा दी. बोम्मई ने अर्जुन की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की.
हासन में एक जंगली हाथी द्वारा बुरी तरह घायल होने के बाद सोमवार को अर्जुन की मौत हो गई. अर्जुन को यसलूर में उत्पाती जंगली हाथी को पकड़ने के ऑपरेशन के लिए हसन लाया गया था. ऑपरेशन के दौरान, शार्पशूटरों ने जंगली हाथी पर एक बेहोशी का इंजेक्शन फायर किया, जिसने सामने से अर्जुन पर हमला किया, जिससे उसकी मौत हो गई.
अर्जुन को 1968 में काकानाकोटे जंगल में खेड्डा ऑपरेशन के दौरान पकड़ा गया था. 60 साल की उम्र तक सेवा पूरी करने के बाद 2020 में सेवानिवृत्त होने से पहले तक उसने गोल्डन हौदा अपने साथ रखा.