New National Education Policy 2020 FAQs: नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति कब लागू होगी, बोर्ड परीक्षाओं में अब क्या अलग होगा, शिक्षण योग्यता सहित यहां जानें सभी प्रश्नों के उत्तर
नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति से होंगे कई बदलाव (Photo Credit: Pixabay)

नई दिल्ली: राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 को सरकार ने बुधवार को मंजूरी दे दी है. नई एजुकेशन पॉलिसी स्कूल से कॉलेज स्तर तक शिक्षा प्रणाली में कई बदलाव लाएगी. नई शिक्षा नीति में स्कूल एजुकेशन से लेकर हायर एजुकेशन तक कई बड़े बदलाव किए गए हैं. नई एनईपी शिक्षा और सीखने पर ध्यान केंद्रित करने के लिए है. यह 21 वीं सदी की पहली शिक्षा नीति है. नई शिक्षा नीति ने 34 वर्षीय राष्ट्रीय नीति (एनपीई) 1986 की जगह ली है. इसका उद्देश्य प्रत्येक छात्र की अद्वितीय क्षमताओं को सामने लाना है. 2030 तक, शिक्षण के लिए न्यूनतम डिग्री योग्यता 4-वर्षीय एकीकृत बी.एड. डिग्री होगी. नीति का लक्ष्य 100 फीसदी युवा और वयस्क साक्षरता हासिल करना है. नई नीति लागू होने के बाद, शिक्षा क्षेत्र को अब जीडीपी का 6 प्रतिशत मिलेगा, पहले यह 1.7 प्रतिशत था.

स्कूल पाठ्यक्रम के 10 + 2 ढांचे की जगह 5 + 3 + 3 + 4 का नया पाठ्यक्रम संरचना लागू किया जाएगा जो क्रमशः 3-8, 8-11, 11-14, और 14-18 उम्र के बच्चों के लिए है. इसमें 12 साल की स्कूली शिक्षा और तीन साल की आंगनवाड़ी और प्री-स्कूलिंग शामिल होगी. इसमें अब तक दूर रखे गए 3-6 साल के बच्चों को स्कूली पाठ्यक्रम के तहत लाने का प्रावधान है. यह भी पढ़ें: New Education Policy 2020: केंद्रीय मंत्रीमंडल ने दी शिक्षा नीति 2020 को मंजूरी, जानिए क्या-क्या है खास. 

3-6 वर्ष के आयु वर्ग के बच्चों को विश्व स्तर पर एक बच्चे के मानसिक विकास के लिए महत्वपूर्ण चरण के रूप में मान्यता दी गई है. नई प्रणाली में तीन साल की आंगनवाड़ी / प्री स्कूलिंग के साथ 12 साल की स्कूली शिक्षा होगी. NCERT आठ वर्ष की आयु तक के बच्चों के लिए प्रारंभिक बचपन देखभाल और शिक्षा (NCPFECCE) के लिए एक राष्ट्रीय पाठ्यक्रम और शैक्षणिक ढांचा विकसित करेगा.

राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 कब लागू होगी?

भारत में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 कब लागू होगी इसकी कोई आधिकारिक तारीख नहीं है. सरकार द्वारा अधिसूचित होते ही नया एनईपी लागू हो जाएगा. शिक्षा मंत्रालय की आधिकारिक वेबसाइट के अनुसार, वर्तमान में, राष्ट्रीय शिक्षा नीति तैयार करने की कवायद जारी है और इसे जल्द ही अंतिम रूप दिया जाएगा.

नए NEP 2020 के तहत ग्रेडिंग सिस्टम में क्या बदलाव किए गए हैं?

सभी छात्र ग्रेड 3, 5 और 8 में स्कूल परीक्षा देंगे, जो कि अप्रूव्ड अथॉरिटी द्वारा आयोजित की जाएगी. एक राष्ट्रीय पुस्तक संवर्धन नीति तैयार की जानी है.

नए एनईपी के तहत बोर्ड परीक्षा पैटर्न में क्या बदलाव किए जाएंगे?

ग्रेड 10 और 12 के लिए बोर्ड परीक्षा जारी रखी जाएगी, लेकिन लक्ष्य के रूप में इसे नया स्वरूप दिया गया. एक नया राष्ट्रीय मूल्यांकन केंद्र, PARAKH (प्रदर्शन मूल्यांकन, समीक्षा और समग्र विकास के लिए ज्ञान का विश्लेषण), एक मानक-सेटिंग निकाय के रूप में स्थापित किया जाएगा.

नई NEP 2020 के तहत भारत में उच्च शिक्षा कैसे बदलेगी:

एनईपी 2020 का उद्देश्य उच्च शिक्षा में सकल नामांकन अनुपात को बढ़ाना है जिसमें व्यावसायिक शिक्षा को 2018 में 26.3 प्रतिशत से बढ़ाकर 2035 तक 50 प्रतिशत करना और उच्च शिक्षा संस्थानों में 3.5 करोड़ नई सीटों को जोड़ना है. भारतीय उच्चतर शिक्षा आयोग (HECI) की स्थापना चिकित्सा और कानूनी शिक्षा को छोड़कर पूरी उच्च शिक्षा के लिए एकल निकाय के रूप में की जाएगी. सार्वजनिक और निजी उच्च शिक्षा संस्थानों को विनियमन, मान्यता और शैक्षणिक मानकों के लिए समान मानदंडों के द्वारा नियंत्रित किया जाएगा.

स्कूल पाठ्यक्रम और शिक्षाशास्त्र के लिए क्या परिवर्तन किए गए हैं?

स्कूल पाठ्यक्रम और शिक्षाशास्त्र शिक्षार्थी के समग्र विकास का लक्ष्य रखेगा. आवश्यक सीखने और महत्वपूर्ण सोच को बढ़ाने के लिए पाठयक्रम सामग्री में कमी और अनुभवात्मक लर्निंग पर अधिक फोकस किया गया है. व्यावसायिक और शैक्षणिक धाराओं के बीच, पाठ्यचर्या और पाठ्येतर गतिविधियों के बीच, कला और विज्ञान के बीच कोई कठोर अलगाव नहीं होगा. 6 वीं कक्षा से स्कूलों में व्यावसायिक शिक्षा शुरू होगी, और इसमें इंटर्नशिप शामिल होगी.

बहुभाषावाद नए NEP 2020 के तहत छात्रों की मदद कैसे करेगा?

नीति में मातृभाषा / स्थानीय भाषा / क्षेत्रीय भाषा को शिक्षा के माध्यम के रूप में कम से कम 5 ग्रेड तक रखने का जोर दिया गया है. स्कूल के सभी स्तरों और उच्चतर शिक्षा में छात्रों के लिए संस्कृत एक विकल्प के रूप में पेश के जाएगी, जिसमें तीन-भाषा सूत्र शामिल हैं. भारत की अन्य शास्त्रीय भाषाएं और साहित्य भी विकल्प के रूप में उपलब्ध हैं. किसी भी छात्र पर कोई भाषा थोपी नहीं जाएगी.

कई विदेशी भाषाओं को भी माध्यमिक स्तर पर पेश किया जाएगा. भारतीय साइन लैंग्वेज (ISL) को पूरे देश में मानकीकृत किया जाएगा, और राष्ट्रीय और राज्य पाठ्यक्रम सामग्री विकसित की जाएगी, जिसे सुनने वाले छात्रों द्वारा उपयोग किया जाएगा.

NEP 2020 के तहत अंडरग्रेजुएट (UG) और पोस्ट-ग्रेजुएट (PG) में क्या बदलाव हुए हैं?

एनईपी के तहत, यूजी और पीजी स्ट्रीम के तहत किए गए बदलाव यह है कि अब कई एंट्री और एग्जिट विकल्पों की अनुमति होगी. एक छात्र 3 या 4 वर्षों में यूजी को पूरा कर सकता है, जो चुने गए कैरियर पथ पर निर्भर करता है. इसके लिए, प्रत्येक जिले में या उसके आस-पास एक बहु-विषयक शिक्षा और अनुसंधान विश्वविद्यालय या MERU स्थापित किए जाएंगे.

नई NEP 2020 के तहत शिक्षक के लिए न्यूनतम योग्यता क्या है?

शिक्षण के लिए न्यूनतम योग्यता 4 वर्ष की एकीकृत बीएड डिग्री होगी. शिक्षक एजुकेशन के लिए एक नया और व्यापक राष्ट्रीय पाठ्यचर्या की रूपरेखा, NCFTE 2021, NCERT द्वारा NCERT के परामर्श से बनाई जाएगी. 2030 तक शिक्षण के लिए न्यूनतम डिग्री योग्यता 4-वर्षीय एकीकृत बी.एड. डिग्री तय की गई है. घटिया स्टैंड-अलोन शिक्षक शिक्षा संस्थानों (TEIs) के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.

नए NEP 2020 के तहत ऑनलाइन शिक्षा और डिजिटल शिक्षा में क्या बदलाव किए गए हैं?

स्कूल और उच्च शिक्षा दोनों की ई-शिक्षा आवश्यकताओं की देखभाल के लिए MHRD में डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर, डिजिटल सामग्री और क्षमता निर्माण के ऑर्केस्ट्रेट करने के उद्देश्य से एक समर्पित इकाई बनाई जाएगी. एक स्वायत्त निकाय, राष्ट्रीय शैक्षिक प्रौद्योगिकी फोरम (NETF), शिक्षण, मूल्यांकन, नियोजन, प्रशासन को बढ़ाने के लिए प्रौद्योगिकी के उपयोग पर विचारों के मुक्त आदान-प्रदान के लिए एक मंच बनाया जाएगा.

स्कूल शिक्षा के लिए एक नया और व्यापक राष्ट्रीय पाठ्यक्रम फ्रेमवर्क, NCFSE 2020-21, NCERT द्वारा विकसित किया जाएगा. NCERT 8 वर्ष की आयु तक के बच्चों के लिए प्रारंभिक बचपन देखभाल और शिक्षा (NCPFECCE) के लिए एक राष्ट्रीय पाठ्यक्रम और शैक्षणिक ढांचा विकसित करेगा.

नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 एक्सेस, इक्विटी, क्वालिटी, अफोर्डेबिलिटी और एकाउंटेबिलिटी के आधारभूत स्तंभों पर बनी है. नई NEP सतत विकास के लिए 2030 एजेंडा से जुड़ी है और इसका उद्देश्य भारत को एक जीवंत ज्ञान समाज में बदलना है. नई शिक्षा नीति का उद्देश्य स्कूल और कॉलेज की शिक्षा को अधिक समग्र, लचीला और 21 वीं सदी की जरूरतों के अनुकूल बनाकर भारत को एक वैश्विक ज्ञान महाशक्ति बनाना है.