12वीं पास कॉमर्स के छात्र कर सकते हैं ये कोर्सेज, होगी अच्छी कमाई
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कॉमर्स एक ऐसी स्ट्रीम है, जो छात्रों के लिए करियर के अनेक विकल्प खोलती  है.  कॉमर्स विषय के तौर पर चुनौतीपूर्ण तो है मगर इससे छात्रों को अच्छे करियर आप्शन मिल सकते हैं. अगर आपने 12वीं कॉमर्स से की है तो आपके पास कई डिग्री कोर्सेज के ऑप्शन हैं. जानिए, कॉमर्स से 12वीं करने के बाद भविष्य की किन-किन राहों को चुन सकते हैं.

बैचलर इन इकोनॉमिक्स:

अगर आपकी रूचि इकोनॉमिक्स में है तो बैचलर इन इकोनॉमिक्स एक अच्छा विकल्प है. आप विभिन्न आर्थिक अवधारणाओं, आर्थिक नीतियों, विश्लेषणात्मक विधियों और कार्यक्रमों आदि पर व्यावहारिक ज्ञान का अनुभव प्राप्त कर सकेंगे जो आपके करियर के लिए काफी उपयोगी होगा.

यदि आप आईएएस की तैयारी करना चाहते हैं, तो इस कोर्स से आपको अतिरिक्त लाभ होगा.

बैचलर ऑफ मैनेजमेंट स्टडीज (बीएमएस):

मैनेजमेंट के क्षेत्र में दिलचस्पी रखने वाले छात्र बीएमएस का कोर्स कर सकते हैं. यह तीन साल का कोर्स है. इसमें छात्रों को थ्योरी के साथ प्रेक्टिकल ट्रेनिंग भी दी जाती है जिससे उनके नेतृत्व और प्रबंधकीय कौशल को विकसित करने में मदद मिलती है.

छात्र मैनेजमेंट, मानव संसाधन, संगठनात्मक सिद्धांतों, शोध पद्धति आदि को सिखाते हैं. अगर आप किसी अच्छी संस्था से इसकी डिग्री हासिल करें तो कॉर्पोरेट जगत में सफल हो सकते हैं.

चार्टर्ड एकाउंटेंसी:

यह कॉमर्स फिल्ड में एक सफल कैरियर बनाने के लिए सबसे अच्छा प्रोफेशनल कोर्स है. इस कोर्स को करने के बाद चार्टर्ड एकाउंटेंट से लेकर विविध क्षेत्रों में अच्छे करियर के अवसरों के दरवाजे खुलते हैं. हालांकि, चार्टर्ड एकाउंटेंसी पास करना आसन नहीं लेकिन अगर मेहनत करने की इच्छा है तो मुश्किल भी नहीं. द इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट ऑफ इंडिया (आईसीएआई) चार्टर्ड अकाउंटेंट का कोर्स कराता है.

कंपनी सेक्रेटरी:

कंपनी सेक्रेटरी एक उभरता हुआ सेक्टर है, जिसमें नौकरी मिलने की संभावनाए ज्यादा है. कंपनी सेक्रेटरी किसी भी कंपनी की कानूनी और प्रशासनिक जिम्मेदारियों को संभालता है. आईसीएसआई देश में कंपनी सेक्रेटरी प्रोग्राम चलाती है. कंपनी सेक्रेटरी कोर्स पूरा करने के लिए तीन स्टेज से होकर गुजरना पड़ता है (फाउंडेशन प्रोग्राम, एग्जीक्यूटिव प्रोग्राम, प्रोफेशनल प्रोग्राम).

एकाउंटिंग एंड फाइनांस (बीकॉम) :

12वीं के बाद बैचलर ऑफ कॉमर्स इन अकाउंटिंग एंड फाइनांस भी किया जा सकता है. यह तीन साल का डिग्री प्रोग्राम है. इस कोर्स के बाद अकाउंट्स और फाइनांस में करियर के मौके काफी होते हैं. इस कोर्स करने के बाद किसी भी कंपनी में एकाउंटेंसी की नौकरी मिलती है. इसके आलावा कॉमर्स के छात्र एलएलबी भी कर सकते हैं.