नई दिल्ली: संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) ने बुधवार को कहा कि सिविल सेवा (मुख्य) परीक्षा, 2021 अपने निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार शुक्रवार से होगी. कोविड-19 के प्रसार पर काबू के लिए सरकारों द्वारा लगाए जा रहे प्रतिबंधों को ध्यान में रखते हुए आयोग ने राज्यों से यह सुनिश्चित करने का आग्रह किया है कि उम्मीदवारों और परीक्षा अधिकारियों को उनकी आवाजाही में कोई असुविधा न हो, खासकर निषिद्ध क्षेत्र से आने वाले लोगों को. यूपीएससी, बीपीएससी की परीक्षा पास करने वाली महिलाओं को मिलेगी एक लाख रुपये की प्रोत्साहन राशि
यूपीएससी ने कहा कि राज्यों से कहा गया है कि यदि आवश्यक हो तो उम्मीदवारों के ई-प्रवेश पत्रों और परीक्षा अधिकारियों के पहचान पत्रों का उपयोग आवाजाही पास के रूप में किया जा सकता है.
आयोग ने एक बयान में कहा, "कोविड-19 महामारी की वजह से उत्पन्न मौजूदा स्थिति की सावधानीपूर्वक समीक्षा करने के बाद, आयोग ने सिविल सेवा (मुख्य) परीक्षा, 2021 को कार्यक्रम के अनुसार यानी 7, 8, 9, 15 और 16 जनवरी, 2022 को आयोजित करने का निर्णय लिया है."
भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस), भारतीय विदेश सेवा (आईएफएस) और भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के अधिकारियों समेत अन्य अधिकारियों के चयन के लिए सिविल सेवा परीक्षा हर साल तीन चरणों - प्रारंभिक, मुख्य और साक्षात्कार - में आयोजित की जाती है.
आयोग ने कहा कि राज्यों से अनुरोध किया गया है कि वे परीक्षा शुरू होने से कम से कम एक दिन पहले - 6 जनवरी से 9 जनवरी तक और 14 जनवरी से 16 जनवरी तक - सार्वजनिक परिवहन को अधिकतम स्तर पर चालू रखें ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि उम्मीदवारों और परीक्षा अधिकारियों की आवाजाही सुचारू रूप से संपन्न हो सके.
बयान में कहा गया है कि सभी सक्षम जिला प्राधिकारियों और परीक्षा केंद्र पर्यवेक्षकों को महामारी के इस दौर में परीक्षा आयोजित करने के लिए आयोग के दिशा-निर्देश मुहैया कराए गए हैं.
दिशानिर्देश में परीक्षा अधिकारियों और उम्मीदवारों को पारदर्शी बोतलों में अपना सेनेटाइज़र ले जाने के लिए भी कहा गया है.
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