पिछले कुछ वर्षो में दुनिया ने कई घातक वायरस (Deadly Virus) के प्रकोपों का सामना किया है- जैसे कि इबोला, जीका, सार्स, मर्स (मिडिल ईस्ट रेसपेरेटेरी सिंड्रोम). वहीं हाल ही में निपाह और अब कोरोना वायरस (Coronavirus) देखने को मिल रहा है. चीन (China) में कोरोनोवायरस महामारी बेहद जानलेवा हो गई है, क्योंकि यहां मरने वालों की संख्या 2500 का आंकड़ा पार कर गई है. इस तरह की आपदा आने पर यह सवाल उठता है कि हमारी हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी (Health Insurance Policy) हमें इन बीमारियों से कितना सुरक्षा प्रदान करती है? सामान्यतया हेल्थ इंश्योरेंस वायरस के खतरे से कवर करता है. इसके लिए अस्पताल में भर्ती होने की आवश्यकता होती है और यह कोरोनावायरस जैसी बीमारी के लिए भी कवरेज प्रदान करेगा.
कोरोनोवायरस संक्रमण के लक्षण सामान्य सर्दी जैसे हैं और आमतौर पर यह श्वसन प्रणाली को प्रभावित करते हैं. एक नया वायरस होने के कारण, इसका अब तक कोई टीकाकरण या इलाज नहीं है. आपके पास चाहे किसी भी प्रकार की हेल्थ पॉलिसी हो, यह आपको अस्पताल में भर्ती होने पर कवरेज प्रदान करेगी, भले ही आपमें किसी भी बीमारी के लक्षण सामने आए हों. हेल्थ पॉलिसी आपको सभी संक्रमणों से कवरेज प्रदान करती है, फिर चाहे यह कितना भी खतरनाक हो. कोरोना भी इसी प्रकार का खतरनाक संक्रमण है. लगभग सभी हेल्थ पॉलिसी में संक्रमण के दिन से ही कवरेज उपलब्ध होता है.
पालिसी बाजार डॉट कॉम के हेल्थ इंश्योरेंस प्रमुख अमित छाबड़ा ने कहा- चूंकि कोरोना जैसी नई बीमारियां पहले से मौजूद बीमारी (प्री एक्जिस्टिंग डिजीज) के दायरे में नहीं आती हैं, इसलिए ये आपकी बेसिक हेल्थ पॉलिसी के तहत शामिल होंगी. ऐसे में, यदि आप कोरोना का उपचार कराते हैं, तो अस्पताल में भर्ती होने पर उपचार, अस्पताल में भर्ती होने के पहले और बाद के खर्च, और एम्बुलेंस कवर आपके मौजूदा हेल्थ प्लान के साथ आपके लिए उपलब्ध होंगे. यह भी पढ़ें: कोरोना वायरस की वजह से चीन से पंजाब नहीं पहुंच पाए स्मार्टफोन: CM अमरिंदर सिंह
उन्होंने कहा, "क्लेम की प्रक्रिया पहले के समान रहेगी. आप या तो रिम्बर्समेंट ले सकते हैं या कैशलेस के लिए जा सकते हैं (जहां बिल सीधे इंश्योरेंस कंपनी द्वारा अस्पताल को चुकाए जाते हैं). इन दिनों कैशलेस सुविधा हेल्थ इंश्योरेंस में क्लेम निपटान का सबसे पसंदीदा तरीका है. इसके तहत इंश्योरेंस धारक को अस्पताल के बिलों का भुगतान करने की आवश्यकता नहीं है क्योंकि इंश्योरेंस कंपनी अस्पताल के साथ सीधे बिल का निपटान करती है, बशर्ते अस्पताल इंश्योरेंस कंपनी की नेटवर्क सूची में होना चाहिए. हालांकि आपको नॉन-मेडिकल आइटम खर्च, डॉक्टर और एडमिशन चार्ज जैसे चार्ज देने पड़ सकते हैं."
छाबड़ा ने कहा कि ट्रैवल कवर के मामले में जवाब देना थोड़ा मुश्किल है कि आपकी ट्रैवल पॉलिसी कोरोनावायरस के प्रकोप को कवर करेगी या नहीं. यह काफी हद तक पॉलिसी के प्रकार और कवरेज के स्तर पर निर्भर करेगा.
उन्होंने कहा, "कई ट्रैवल प्रोटेक्शन प्लान महामारी से प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से हुए नुकसान के लिए कवरेज प्रदान नहीं करते हैं. यदि आप सरकारी चेतावनी के बावजूद चीन जाने की योजना बना रहे हैं, तो आपकी इंश्योरेंस कंपनी आपके नुकसान को कवर करने के लिए उत्तरदायी नहीं है. हालांकि यदि कोई यात्रा के दौरान वायरस से प्रभावित होता है तो इंश्योरेंस कंपनी आपको बीमारी से कवरेज प्रदान कर सकती है. ट्रैवल प्रोटेक्शन प्लान ज्यादातर उन घटनाओं से होने वाले नुकसान को शामिल नहीं करता है जो उस प्लान के खरीदे जाने के समय जानी या पहचानी गई थीं.