नई दिल्ली: राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (एनएमसी) विधेयक, 2019 के विरोध में समूचे देश में सरकारी अस्पतालों में ओपीडी सेवाएं बुधवार को बंद रहेंगी. हाल ही में लोकसभा में पास हुए एनएमसी बिल (National Medical Commission Bill) के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करने के लिए इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) ने इस बंद का आह्वान किया है.
मिली जानकारी के मुताबिक ओपीडी सहित सभी गैर-जरूरी सेवाएं बुधवार को सुबह 6 बजे से गुरुवार की सुबह 6 बजे तक बंद रहेंगी. जबकि आपातकालीन, दुर्घटना, आईसीयू सहित सभी बेहद जरुरी सेवाएं सामान्य रूप से काम करेंगी. आईएमए द्वारा बुलाये गए बंद के दौरान सभी राज्यों के डॉक्टर प्रदर्शन और भूख हड़ताल करेंगे. साथ ही इसमें मेडिकल छात्रों के भी शामिल होने की बात सामने आई है.
Indian Medical Association (IMA) calls for 24 hours withdrawal of non-essential services across the nation from 6 am, tomorrow, in protest against the passing of National Medical Commission Bill, 2019 in Lok Sabha. pic.twitter.com/8DUFrHvOhJ
— ANI (@ANI) July 30, 2019
दरअसल एनएमसी विधेयक मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया (एमसीआई) की जगह लेगा. विरोध करने वाले डॉक्टर्स एनएमसी विधेयक की धारा 32 को हटाने की मांग कर रहे है. उनका कहना है कि नीम-हकीमी को वैध करने वाली धारा 32 को जोड़ने से लोगों की जान खतरे में पड़ेगी.
2016 से एनएमसी विधेयक के खिलाफ लड़ रहे आईएमए का मानना है कि विधेयक में केवल कॉस्मेटिक बदलाव हुए हैं और आईएमए द्वारा उठाई गई मुख्य चिंताओं को लेकर अभी तक कोई कदम नहीं उठाया गया है. आईएमए विधेयक के अन्य प्रावधानों का भी विरोध कर रहा है. इसमें एनईएक्सटी व एनईईटी पर फैसले व निजी मेडिकल कॉलेजों व डीम्ड विश्वविद्यालयों की 50 फीसदी सीटों पर एनएमसी द्वारा शुल्क का नियमन शामिल है.
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आईएमए देश में डॉक्टरों और मेडिकल छात्रों की सबसे बड़ी संस्था है, जिसमें करीब तीन लाख सदस्य हैं. आईएमए के राष्ट्रीय अध्यक्ष शांतनु सेन ने कहा था की एनएमसी, मेडिकल शिक्षा प्रणाली में पेश किया गया अब तक सबसे खराब विधेयक है और दुर्भाग्य से स्वास्थ्य मंत्री जो खुद एक डॉक्टर हैं, वह अपनी ही शिक्षा प्रणाली को नष्ट करने पर आमादा हैं. हम लोग किसी भी कीमत पर इस अत्याचार को स्वीकार नहीं करेंगे.