देशभर में स्कूल फीस तय करने के लिए 'फीस विनियमन बिल' की मांग
प्रतीकात्मक तस्वीर (Phoro Credits-ANI Twitter)

नई दिल्ली, 1 अप्रैल : नया शैक्षणिक सत्र शुरू हो गया है लेकिन स्कूल, कॉलेज अभी भी बंद हैं, इस स्थिति में अभिभावक और शिक्षाविद् स्कूल फीस (Educationist School Fees) तय करने के लिए एक सुनिश्चित ढांचा बनाने की मांग कर रहे हैं. देशभर के अभिभावकों की ओर से अखिल भारतीय अभिभावक संघ (All India Parent Association) ने एक 'स्कूल फीस विनियमन बिल' की मांग की है. अभिभावक चाहते हैं कि निजी स्कूलों में महामारी से निपटने और फीस को नियमित करने के प्रावधानों को शामिल करने वाला एक बिल लाया जाए. अभिभावक जल्द ही इस पर केंद्रीय शिक्षा मंत्री और विभिन्न राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ चर्चा करेंगे. अखिल भारतीय अभिभावक संघ के अध्यक्ष व दिल्ली विश्वविद्यालय एकेडमिक काउंसिल के सदस्य अशोक अग्रवाल ने कहा कि इस विषय पर अभिभावक संघ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी एक पत्र लिखा है. इस पत्र के माध्यम से देशभर के अभिभावकों ने प्राइवेट स्कूलों में फीस को लेकर राष्ट्रव्यापी नियम बनाने की मांग की है.

दरअसल अभिभावक चाहते हैं कि देश भर के गैर सहायता प्राप्त और प्राइवेट स्कूलों का फीस स्ट्रक्च र तय करने के लिए कमेटी गठित की जाए. इस कमेटी की सिफारिशों के आधार पर ही प्राइवेट स्कूल अपनी फीस तय करें. अशोक अग्रवाल ने आईएएनएस से कहा, "अभी देशभर में स्कूलों की फीस को लेकर बहुत बड़ा अंतर देखने को मिलता है. स्कूल मनमाने तरीके से अपनी फीस तय कर रहे हैं." शिक्षाविद सुनीता मेहता के मुताबिक एक जैसी सुविधाएं देने के बावजूद कई स्थानों पर स्कूलों की फीस में व्यापक अंतर होता है. इस प्रकार की मनमानी को समाप्त करने के लिए एक समिति का गठन किया जाना उचित कदम होगा. यह भी पढ़ें : West Bengal: सीएम ममता बनर्जी बोलीं- चुनाव आयोग और अमित शाह, कृपया अपने गुंडों को नियंत्रित करें

अखिल भारतीय अभिभावक संघ इस विषय पर जल्द ही केंद्रीय शिक्षा मंत्री से भी मुलाकात करेगा. इसके अलावा सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों से भी इस विषय में संपर्क किया जाएगा. इस बीच दिल्ली सरकार ने स्पष्ट किया है कि एक बार फिर से बढ़ रहे कोरोना संक्रमण के बीच छोटी कक्षाओं के लिए फिलहाल स्कूल नहीं खोले जाएंगे. दिल्ली के अलावा पंजाब, पुडूचेरी, गुजरात, हिमाचल, चंडीगढ़, छत्तीसगढ़, हरियाणा, महाराष्ट्र, कर्नाटक, केरल, राजस्थान समेत कई अन्य राज्यों ने भी फिलहाल छोटी कक्षाओं के लिए स्कूल बंद रखने का निर्णय लिया है.