दिल्ली में हुई हिंसा में जान गंवाने वाले हेड कॉन्स्टेबल रतनलाल का पार्थिव शरीर उनके पैतृक गांव सीकर के तहावली में पहुंचा. वहां अंतिम दर्शनों के बाद सम्मान के साथ रतनलाल का पार्थिव शरीर पंचतत्व में विलीन हो गया. वहां इकठ्ठा हुए लोगों ने लोगों ने नम आंखों से रतनलाल को अंतिम विदाई दी. इस दौरान लोगों ने 'शहीद रतन लाल अमर रहे' का जयकारा भी लगाया. रतनलाल के 7 वर्षीय बेटे राम ने अपने पिता को मुखाग्नि दी. जिसके बाद पूरा माहौल गमगीन हो गया. इससे पहले पैतृक गांव में लोगों ने सड़क पर बैठ प्रदर्शन भी किया था. उनके परिजनों ने मांग की थी कि रतनलाल को शहीद का दर्जा दिया जाए. इसके अलावा लोगों ने उनके नाम पर एक स्थानीय स्पोर्ट्स स्टेडियम का नाम भी रखने को भी कहा था.
नागरिकता संशोधन कानून (CAA) को लेकर नॉर्थ ईस्ट दिल्ली के कई इलाकों में हुई हिंसा में कॉन्स्टेबल रतनलाल को गोली लगी थी. जिसके बाद उनकी जान चली गई. नॉर्थ ईस्ट दिल्ली के कई इलाकों में हुई हिंसा में अब तक कुल 22 लोगों की मौत हो चुकी है. पिछले चार दिनों से फैली हिंसा के कारण दहशत का माहौल है. लोग अब भी घरों से निकलने में डर रहे हैं. दिल्ली हिंसा के बाद सीलमपुर, जाफराबाद, मौजपुर, कबीरनगर, विजयपार्क आदि इलाकों में ऐसा ही माहौल है. यह भी पढ़ें:- दिल्ली हिंसा: हाई कोर्ट की हिंसा पर सख्त टिप्पणी, कहा- एक और 1984 नहीं होंने देंगे.
Rajasthan: Last rites ceremony of Delhi Police Head Constable Rattan Lal's being held in Sikar. He lost his life in the violence-hit North East Delhi on 24th February. pic.twitter.com/u67idES85L
— ANI (@ANI) February 26, 2020
दिल्ली हिंसा ने दिया जीवनभर न भूलने वाला दर्द
रतनलाल राजस्थान (Rajasthan) के सीकर (Sikar) में तिहावली गांव के रहने वाले थे. साल 2004 में जयपुर की रहने वाली पूनम से उनका विवाह हुआ था. उनके परिवार में दो बेटी सिद्धी (12) और कनक(10) और एक बेटा राम(7) है. जैसे ही दिल्ली के बुराड़ी गांव की अमृत विहार कालोनी स्थित रतन लाल के मकान पर पहुंची, तो पत्नी बेहोश हो गईं थी.