दिल्ली हिंसा: हाई कोर्ट की हिंसा पर सख्त टिप्पणी, कहा- एक और 1984 नहीं होंने देंगे
दिल्ली हाईकोर्ट (Photo Credit- IANS)

नागरिकता संशोधन कानून (CAA) को लेकर नॉर्थ ईस्ट दिल्ली के कई इलाकों में हुई हिंसा में अब तक कुल 22 लोगों की मौत हो चुकी है. मामला बेहद गंभीर होता जा रहा है. दिल्ली हिंसा पर सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट ने कहा, हम इस देश में एक और 1984 नहीं होने दे सकते, इस कोर्ट की निगरानी में तो बिल्कुल भी नहीं. कोर्ट ने कहा कि लोगों के मन से भय को निकलना होगा. इसके साथ लोगों को यह भी यकीन दिलाना होगा की वे सुरक्षित हैं. कोर्ट ने पीड़ितों को मुवाजा और जिन लोगों की दंगो में मौत हुई है उनके अंतिम संस्कार करने के लिए सुरक्षित वातावरण निर्माण करने को कहा है. हाई कोर्ट ने कहा कि हाई लेवल के अधिकारीयों को क्षेत्र का दौरा करना चाहिए.

वहीं दिल्ली सरकार ने कोर्ट को भरोसा दिलाया है कि उनकी तरफ से हर वाजिब प्रयास किए जाएंगे. कोर्ट ने कहा यह घड़ी बेहद नाजुक है लेकिन इसमें भी चर्चा आदरपूर्ण तरीके से बनाये रखा जाना चाहिए. वहीं पुलिस को बुधवार को हिंसा ग्रस्त क्षेत्र चांदबाग पुलिया से एक नाले से अंकित शर्मा का शव बरामद हुआ.अंकित आईबी में सुरक्षा सहायक के पद पर कार्यरत थे. जिसकी जांच शुरू कर दी गई है. यह भी पढ़ें:- यह भी पढ़ें:- दिल्ली हिंसा को लेकर सोनिया गांधी का बीजेपी पर निशाना: कहा ये प्री-प्लान्ड था, गृह मंत्री अमित शाह को देना चाहिए इस्तीफा.

बता दें कि दिल्ली में पिछले चार दिनों से फैली हिंसा के कारण दहशत का माहौल है. लोग अब भी घरों से निकलने में डर रहे हैं. सीलमपुर, जाफराबाद, मौजपुर, कबीरनगर, विजयपार्क आदि इलाकों में ऐसा ही माहौल है. लोग काम धंधों पर जाना बंद कर चुके हैं. हालांकि, तीसरे दिन स्थिति तनावपूर्ण मगर नियंत्रण में है. कोर्ट ने बुधवार को सुबह याचिका पर सुनवाई के लिए हामी भरी थी और दिल्ली के वरिष्ठ पुलिस अधिकारी को भी सुनवाई के दौरान उपस्थित रहने के लिए कहा था.