Delhi New CM Atishi Marlena: आतिशी मार्लेना 21 सितंबर को दिल्ली की नई सीएम के रूप में ले सकती हैं शपथ

आम आदमी पार्टी (आप) की नेता आतिशी शनिवार को दिल्ली की आप की दूसरी और कांग्रेस की शीला दीक्षित और भाजपा की सुषमा स्वराज के बाद तीसरी महिला मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ले सकती हैं.

Credit -ANI

नई दिल्ली, 18 सितंबर : आम आदमी पार्टी (आप) की नेता आतिशी शनिवार को दिल्ली की आप की दूसरी और कांग्रेस की शीला दीक्षित और भाजपा की सुषमा स्वराज के बाद तीसरी महिला मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ले सकती हैं. उपराज्यपाल वी.के. सक्सेना ने दिल्ली के सीएम-पद के लिए 21 सितंबर की तारीख प्रस्तावित की है. यह जानकारी सूत्रों ने दी.

आप के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने 17 सितंबर (मंगलवार) को आधिकारिक रूप से अपने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया. इसके बाद पार्टी ने आतिशी का नाम मुख्यमंत्री पद के ल‍िए प्रस्तावित क‍िया और उन्‍होंने एलजी के समक्ष सरकार बनाने का दावा पेश क‍िया. आतिशी पार्टी के शेष कार्यकाल के लिए सरकार का नेतृत्व करेंगी. यह भी पढ़ें : बंगाल सरकार के साथ बैठक के नतीजे से खुश नहीं, जारी रहेगा ‘काम बंद’: आंदोलनकारी चिकित्सक

मामले की जानकारी रखने वाले सूत्रों ने संकेत दिया कि आतिशी का शपथ समारोह राजभवन निवास में आयोजित होने की संभावना है. शपथ ग्रहण समारोह "सादा" रहने की उम्मीद है. एलजी सचिवालय के एक सूत्र के अनुसार, वी.के. सक्सेना ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को भेजे एक आधिकारिक नोट में 21 सितंबर को दिल्ली के मुख्यमंत्री के रूप में आतिशी के शपथ ग्रहण की तिथि प्रस्तावित की है.

सूत्र ने उल्लेख किया कि निवर्तमान सीएम केजरीवाल का इस्तीफा पत्र भी राष्ट्रपति मुर्मू को भेजा गया है. यह ताजा घटनाक्रम आतिशी द्वारा एलजी सक्सेना के साथ बैठक के दौरान नई सरकार बनाने का दावा पेश करने के ठीक एक दिन बाद हुआ है. खबरों के मुताब‍िक कालकाजी निर्वाचन क्षेत्र से आप विधायक आतिशी सीएम का पदभार संभालने के बाद, 70 सदस्यीय दिल्ली विधानसभा में अपनी सरकार का बहुमत साबित करेंगी.

आप सरकार ने 26-27 सितंबर को विधानसभा का सत्र बुलाया है. विधानसभा का कार्यकाल अगले साल 23 फरवरी को समाप्त होगा. चुनाव भी फरवरी के प्रारंभ में होने की संभावना है. दिल्ली आबकारी नीति मामले में गिरफ्तार अरविंद केजरीवाल को 13 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट ने जमानत दे दी थी. हालांकि, आप संयोजक को एलजी वी.के. सक्सेना की सहमति के बिना अपने कार्यालय या दिल्ली सचिवालय जाने या फाइलों पर हस्ताक्षर करने से रोक दिया गया था

Share Now

\