Delhi: 16 साल पुरानी मर्सिडीज बनी 'विंटेज कबाड़', दिल्ली के शख्स का सरकारी नियम पर फूटा गुस्सा

Delhi New Fuel Ban Policy: दिल्ली में रहने वाले एक शख्स ने सोशल मीडिया पर अपना गुस्सा जाहिर किया है, क्योंकि उन्हें अपने पिता की 16 साल पुरानी, शानदार हालत वाली मर्सिडीज कार को "विंटेज कबाड़" कहना पड़ रहा है. इस शख्स का नाम रतन ढिल्लों है और उन्होंने X (पहले ट्विटर) पर अपनी कहानी साझा की है.

रतन ढिल्लों ने बताया कि उनके पिता की मर्सिडीज-बेंज E280 V6 कार 16 साल पुरानी होने के बावजूद आज भी एकदम सही सलामत है. उनका दावा है कि यह कार आजकल की कई नई गाड़ियों से बेहतर चलती है और प्रदूषण भी न के बराबर करती है. उन्होंने लिखा कि कार का हर एक बटन आज भी काम करता है और इसका दमदार इंजन सिर्फ 6-7 सेकंड में 0 से 100 की रफ्तार पकड़ लेता है.

अपने पोस्ट में उन्होंने लिखा, "यह मेरे पिताजी की 16 साल पुरानी मर्सिडीज है, जो आज भी सड़कों पर खराब होने वाली कई मॉडर्न कारों से ज्यादा मजबूत और साफ-सुथरी है. जीरो प्रदूषण, जीरो बकवास. लेकिन दुख की बात है कि मुझे इसे 'विंटेज कबाड़' कहना पड़ रहा है, क्योंकि हम एक ऐसे देश में रहते हैं जहाँ नेताओं को कारों से कोई प्यार नहीं है".

ढिल्लों ने सरकार को चुनौती देते हुए कहा, "मैं सरकार को चैलेंज करता हूँ कि वो साबित करके दिखाए कि यह कार प्रदूषण करती है. वे ऐसा नहीं करेंगे, लेकिन फिर भी इस पर जुर्माना लगाएंगे".

सोशल मीडिया पर लोगों ने दिया साथ

रतन ढिल्लों का यह पोस्ट वायरल हो गया और कई लोगों ने उनका समर्थन किया. लोगों ने कहा कि अच्छी तरह से रखी गई गाड़ियों की अपनी एक भावनात्मक कीमत होती है और उन्हें इस तरह कबाड़ में भेजना गलत है.

एक यूजर ने लिखा, "इतनी खूबसूरत और दमदार मशीनों को बिना किसी ठोस वजह के कबाड़ बनते देखना बहुत दुखद है". एक अन्य यूजर ने कमेंट किया, "यह एक क्लासिक कार है, इसे बेचिएगा मत". कई लोगों ने इस नियम को तर्कहीन बताया. एक यूजर ने सवाल उठाया, "सिर्फ उम्र के आधार पर गाड़ियों को बेकार मान लेना बेवकूफी है. क्या सरकार ने सोचा है कि इन गाड़ियों को कबाड़ में भेजने से कितना कचरा पैदा होगा?".

क्या है नया नियम?

यह मामला इसलिए गरमाया है क्योंकि 'वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग' (CAQM) ने दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण रोकने के लिए नए नियम लागू किए हैं. 1 जुलाई से दिल्ली में 10 साल से पुराने डीजल वाहनों और 15 साल से पुराने पेट्रोल वाहनों में फ्यूल भरवाने पर रोक लगा दी गई है. यह नियम उन गाड़ियों पर भी लागू होता है जो फिटनेस टेस्ट पास कर चुकी हैं.

फिलहाल यह नियम सिर्फ दिल्ली में लागू हुआ है, लेकिन 1 नवंबर, 2025 तक इसे गुरुग्राम, गाजियाबाद और फरीदाबाद जैसे पड़ोसी शहरों में भी लागू कर दिया जाएगा.