दिल्ली हाई कोर्ट ने बुधवार को यौन कंटेंट (Sexual Content) के अवैध साझाकरण के खिलाफ कानून को लागू करने में इंटरनेट प्लेटफार्मों द्वारा प्रदर्शित "अनिच्छा" पर अपनी नाराजगी व्यक्त की और निर्देश दिया कि यदि सामग्री हटाने के आदेश के बावजूद ऐसी सामग्री "पुनः प्रकट" होती है, तो इसे अवश्य ही हटाया जाना चाहिए. अगर इस तरह का कंटेंट तुरंत हटा दिया जाता है और पीड़ित को इसे हटाने के लिए फिर से अदालत जाने की आवश्यकता नहीं होती है. SC On Doctors Salary: एलोपैथी डॉक्टर और आयुर्वेद डॉक्टर समान काम नहीं करते, वे सामान वेतन के हकदार नहीं.
जस्टिस सुब्रमणियम प्रसाद ने कहा कि यह सर्च इंजन की जिम्मेदारी है कि वह आपत्तिजनक सामग्री तक पहुंच को तुरंत बंद करे.
Delhi High Court Says Resurfaced Sexual Content Should Be Removed; Victim Need Not Approach Court Againhttps://t.co/Lhf3ErHxFp#DelhiHighCourt #Court #Victim #Resurface
— LatestLY (@latestly) April 26, 2023
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