नई दिल्ली: दिल्ली के आर्कबिशप अनिल काउटो ने सभी पादरियों को एक ऐसा पत्र लिखा है जिससे नया विवाद खड़ा हो गया है. आर्कबिशप ने पत्र में लिखा है कि देश की धर्मनिरपेक्षता खतरे में है और इसके लिए विशेष प्रार्थना और उपवास की जरूरत है. काउटो ने लिखा है कि देश में इस समय अशांत राजनीतिक मौहाल है जो हमारे संविधान और लोकतांत्रित सिद्धांतों के लिए खतरा है. बहरहाल, इस पत्र पर सियासत शुरू हो गई है. बीजेपी ने इसपर आपत्ति जताई है.
उन्होंने पत्र में लिखा है कि देश में अशांत सियासी माहौल है. यह देश की धर्मनिरपेक्ष पहचान के लिए खतरा बना हुआ है. उन्होंने आगे लिखा कि "देश और राजनेताओं के लिए दुआ करना हमारी परंपरा रही है. आम चुनाव के नजदीक आने से यह और भी महत्वपूर्ण हो जाता है. उन्होंने लिखा है कि 2019 में नई सरकार बनेगी. ऐसे में हमें 13 मई से अपने देश के लिए प्रार्थना करनी चाहिए.
बहरहाल, आर्किबिशप के इस खत पर अब सियासत भी शुरू हो गई है. बीजेपी ने इस पर आपत्ति जताई है. अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि पीएम मोदी धर्म की बाधा को तोड़ते हुए देश के समावेशी विकास के लिए काम कर रहे हैं. हम उनसे केवल प्रगतिशील मानसिकता के साथ सोचने के लिए कह सकते हैं.
वहीं, शायना एनसी ने कहा कि जातियों या समुदायों को भड़काने की कोशिश करना गलत है. संघ विचारक राकेश सिन्हा ने इसे भारतीय धर्मनिरपेक्षता और लोकतंत्र पर चर्च का हमला करार दिया है.