दिल्ली: शुक्रवार को धुंध की मोटी चादर में लिपटी रही और लगातार चौथे दिन प्रदूषण का स्तर गंभीर की श्रेणी में रहा. अधिकारियों ने बताया कि हवा की धीमी गति भी प्रदूषण बढ़ने का एक कारण है क्योंकि इसके कारण प्रदूषक तत्व एक ही स्थान पर ठहरे रहते हैं और यहां वहां छितर नहीं पाते. राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में शुक्रवार सुबह 10 बजे वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 467 दर्ज किया गया जो गंभीर की श्रेणी में आता है. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के अनुसार सभी निगरानी केंद्रों पर वायु गुणवत्ता ‘गंभीर’ श्रेणी में पायी गयी.
अनेक स्थानों पर पीएम 2.5 और पीएम 10 का स्तर सामान्य से कम से कम आठ गुना अधिक था. दिल्ली और एनसीआर क्षेत्र में प्रदूषण के कारण छाई धुंध को देखते हुए स्कूल शुक्रवार को भी बंद रहे. सीपीसीबी के अनुसार राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र, ग्रेटर नोएडा, फरीदाबाद, गुड़गांव और गाजियाबाद में वायु गुणवत्ता ‘गंभीर’ की श्रेणी में दर्ज की गयी. गाजियाबाद में वायु गुणवत्ता सूचकांक सर्वाधिक 480 दर्ज किया गया.
Delhi-NCR continue to battle air pollution, AQI hovers around 482 in capital
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— ANI Digital (@ani_digital) November 15, 2019
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गौरतलब है कि वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 201-300 के बीच खराब, 301-400 के बीच अत्यंत खराब, 401-500 के बीच गंभीर और 500 के पार बेहद गंभीर एवं आपात माना जाता है. सरकार की वायु गुणवत्ता निगरानी और पूर्वानुमान सेवा ‘सफर’ ने कहा कि हवा की धीमी गति के कारण प्रदूषकों का छितराव नहीं हो पाने के कारण वायु प्रदूषण बढ़ गया है.
सफर के अनुसार पश्चिमी विक्षोभ के कारण पंजाब में कहीं कहीं बारिश होने की संभावना है. शनिवार तक हवा की गति बढ़ने का पूर्वानुमान जताया गया है जिससे वायु गुणवत्ता थोड़ी सुधरने की उम्मीद है इसके बावजूद यह ‘बहुत खराब’ की श्रेणी में रहेगी.