ठंड शुरू होने के साथ ही दिल्ली (Delhi) की वायु गुणवत्ता हर साल खराब होती जाती है. इस साल भी अक्टूबर की शुरुआत से दिल्ली की हवा जहरीली होने लगी है. राजधानी दिल्ली की हवा इस कदर घातक हो गई है कि यहां रहने वाले 75 फीसदी बच्चों को घुटन महसूस होती है. द एनर्जी एंड रिसोर्सेज इंस्टीट्यूट (TERI) ने एक रिसर्च में यह खुलासा किया है. हिंदुस्तान टाइम्स ने रिपोर्ट के हवाले से बताया कि जलवायु परिवर्तन के कारण 75 प्रतिशत से अधिक बच्चे घुटन महसूस कर रहे हैं. Noida Air Pollution: वायु प्रदूषण पर लगाम लगाने के लिए हेल्पलाइन, व्हाट्सएप नंबर जारी.
413 बच्चों पर स्वास्थ्य सर्वेक्षण किया गया, जिसमें से 75.4 फीसदी ने सांस फूलने की शिकायत की. 24.2 फीसदी बच्चों ने आंखों में खुजली की शिकायत की, 22.3 फीसदी ने नियमित रूप से छींकने या नाक बहने की शिकायत की और 20.9 फीसदी बच्चों ने सुबह खांसी की शिकायत की. सर्वे में शामिल बच्चों की उम्र 14-17 साल के बीच है.
TERI के एक अध्ययन में कहा गया है कि दिल्ली की हवा में उच्च सांद्रता है. इसके कारण दिल्लीवासी खासकर बच्चों को सांस की बीमारी और हृदय रोग बढ़ रहे हैं. यह रिसर्च देश के छह शहरों में विभिन्न वायु प्रदूषण पारिस्थितिकी को देखते हुए किया गया है. इसमें दिल्ली, लुधियाना, पटियाला, पंचकुला, विशाखापत्तनम और जैसलमेर शामिल हैं.
राष्ट्रीय राजधानी में बुधवार को न्यूनतम तापमान 20.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो कि सामान्य से एक डिग्री सेल्सियस अधिक है. मौसम विभाग ने यह जानकारी दी. बुधवार सुबह आठ बजकर 30 मिनट पर आर्द्रता का स्तर 80 फीसदी दर्ज किया गया. मौसम कार्यालय ने दिन भर आसमान साफ रहने और अधिकतम तापमान 36 डिग्री सेल्सियस तक रहने का अनुमान लगाया है.
शहर में सुबह आठ बजे वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 169 दर्ज किया गया जो कि मध्यम श्रेणी में आता है. उल्लेखनीय है कि एक्यूआई शून्य से 50 के बीच अच्छा, 51 से 100 के बीच संतोषजनक, 101 से 200 के बीच मध्यम, 201 से 300 के बीच खराब, 301 से 400 के बीच बेहद खराब और 401 से 500 के बीच गंभीर माना जाता है.
मंगलवार को शहर का अधिकतम तापमान 36.7 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था, जो सामान्य से तीन डिग्री सेल्सियस अधिक है. वहीं न्यूनतम तापमान 25.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था.