दिल्ली और एनसीआर में हवा की गुणवत्ता तेजी से खराब होती जा रही है, जिससे स्वास्थ्य पर गंभीर असर पड़ रहा है. दीवाली से पहले प्रदूषण (Delhi Air Pollution) का स्तर चिंताजनक रूप से बढ़ा है. आनंद विहार जैसे क्षेत्रों में AQI 400 से अधिक पहुंच चुका है, जिससे हवा में सांस लेना भी मुश्किल हो गया है.
प्रदूषण के कारण स्वास्थ्य पर असर
बढ़ते प्रदूषण का सबसे अधिक प्रभाव बुजुर्गों, बच्चों और सांस से संबंधित बीमारियों से पीड़ित लोगों पर पड़ रहा है. धुएं और धुंध की चादर सुबह से ही दिल्ली, नोएडा, ग्रेटर नोएडा और गाजियाबाद में देखी जा सकती है. इस प्रदूषित हवा से अस्थमा, फेफड़ों की बीमारी और आंखों में जलन जैसी समस्याएं बढ़ रही हैं.
प्रशासनिक दावे और मौजूदा स्थिति
दिल्ली सरकार और स्थानीय प्रशासन द्वारा वायु प्रदूषण को कम करने के लिए कई दावे किए गए हैं, लेकिन हालात में अभी तक कोई खास सुधार नहीं दिखा है. हालांकि, पिछले कुछ दिनों में थोड़ी राहत जरूर महसूस की गई है, लेकिन समस्या अभी भी गंभीर बनी हुई है.
दिल्ली के प्रमुख क्षेत्रों का AQI और PM स्तर
इलाका | AQI | प्रदूषण का प्रकार | PM स्तर |
---|---|---|---|
आनंद विहार | 405 | PM 2.5 उच्च स्तर | 296 |
मुंडका | 314 | PM 2.5 उच्च स्तर | 245 |
वजीरपुर | 282 | PM 2.5 उच्च स्तर | 263 |
जहांगीरपुरी | 284 | PM 10 उच्च स्तर | 284 |
आरके पुरम | - | PM 2.5 उच्च स्तर | - |
ओखला | 215 | PM 2.5 उच्च स्तर | 202 |
बवाना | 264 | PM 2.5 उच्च स्तर | 264 |
विवेक विहार | 255 | PM 2.5 उच्च स्तर | 255 |
नरेला | 218 | PM 2.5 उच्च स्तर | 218 |
अशोक विहार | 248 | PM 2.5 स्तर | 248 |
द्वारका | 253 | PM 2.5 उच्च स्तर | 253 |
पंजाबी बाग | 300 | PM 2.5 उच्च स्तर | 300 |
रोहिणी | 246 | PM 10 उच्च स्तर | 246 |
कौन सा ‘जहर’ हवा में?
- PM 2.5: यह हवा में मौजूद अल्ट्राफाइन कण हैं, जो फेफड़ों में गहराई तक प्रवेश कर सकते हैं और अस्थमा, हृदय रोग और फेफड़ों के कैंसर का जोखिम बढ़ा सकते हैं.
- PM 10: इन कणों का बड़ा आकार भी सांस की बीमारियों का कारण बन सकता है. लंबे समय तक इनके संपर्क में रहना फेफड़ों की कार्यक्षमता को प्रभावित कर सकता है.
क्या करें इस जहरीली हवा से बचाव के लिए?
- बाहर जाने से बचें, खासकर बच्चों, बुजुर्गों और बीमार लोगों के लिए.
- यदि बाहर जाना जरूरी हो, तो N95 मास्क का उपयोग करें.
- घर में एयर प्यूरीफायर का इस्तेमाल करें और खिड़कियां बंद रखें.
- पानी और तरल पदार्थ का सेवन बढ़ाएं और भाप लेना भी फायदेमंद हो सकता है.
दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण ने एक बार फिर सामान्य जीवन को प्रभावित कर दिया है. आनंद विहार जैसे इलाकों में AQI 400 के पार पहुंचने से हवा और भी अधिक जहरीली हो गई है. नागरिकों को सतर्क रहना होगा और प्रशासन को ठोस कदम उठाने होंगे, ताकि प्रदूषण से निपटा जा सके और त्योहारों के समय हवा की गुणवत्ता में सुधार हो.