दिल्ली में हवा की गुणवत्ता मंगलवार को 'बहुत खराब' श्रेणी में जारी रही, यहां समग्र वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 329 दर्ज किया गया है. सोमवार से PM10 और PM2.5 प्रदूषकों की सांद्रता में वृद्धि हुई और इसके परिणामस्वरूप, AQI अगले दिन इस स्तर तक बढ़ गया. सिस्टम ऑफ़ एयर क्वालिटी एंड वेदर फोरकास्टिंग एंड रिसर्च (SAFAR) के अनुसार, राष्ट्रीय राजधानी में मंगलवार को समग्र वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 329 पर रहा. इसके पूर्वानुमान में SAFAR ने कहा था कि PM10 प्रदूषक मंगलवार को बढ़कर 293 हो जाएंगे. और PM2.5 168 तक बढ़ जाएगा, जो 'बहुत खराब' श्रेणी में आता है.
सूचकांक के अनुसार, शून्य और 50 के बीच AQI को 'अच्छा ', 51 और 100 '' के बीच हो तो संतोषजनक और 101 और 200 के बीच हो तो मोडरेट, 201 - 300 को खराब और 301- 400' 'बहुत खराब', 401- 500 '' गंभीर माना जाता है. सोमवार को राष्ट्रीय राजधानी में AQI ने बहुत खराब श्रेणी में प्रवेश किया था. औसत वायु गुणवत्ता गाजियाबाद, नोएडा और ग्रेटर नोएडा में 'बहुत खराब', गुड़गांव और फरीदाबाद में 'खराब' बनी रही. CPCB के समीर ऐप के अनुसार, AQI गाजियाबाद में 391, ग्रेटर नोएडा में 366, नोएडा में 363, फरीदाबाद में 289 और गुड़गांव में 271 थी. यह भी पढ़ें: Delhi Air Pollution: दिल्ली-NCR में एयर क्वालिटी हुई 'बेहद खराब', 11 और 12 दिसंबर को बारिश के साथ सुधार की संभावना
देखें ट्वीट:
Delhi: Air quality dips in the national capital as overall Air Quality Index (AQI) stands at 329 (very poor category).
"We're taking all sort of protection, even at home. We need to be careful," says Ajit, a cyclist. pic.twitter.com/86lzZDGf8o
— ANI (@ANI) December 22, 2020
रविवार को गाजियाबाद और ग्रेटर नोएडा में औसत एक्यूआई 346, नोएडा में 333, फरीदाबाद में 294 और गुड़गांव में 262 था. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के अनुसार, यदि किसी क्षेत्र में AQI 'बहुत खराब' श्रेणी में है, तो इससे लंबे समय तक संपर्क में रहने पर सांस की बीमारी हो सकती है, जबकि "खराब" से लोगों को सांस लेने में तकलीफ हो सकती है.