तिहाड़ में जेल में बंद छोटा राजन की जान को खतरा, खाने में जहर दिलवा सकता है अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम, बढ़ाई गई सुरक्षा
छोटा राजन (Photo: Twitter)

नई दिल्ली: पिछले 10 साल में तिहाड़ जेल में ऐसा सुरक्षा कवच किसी ने नहीं देखा जो, आज अंडरवल्र्ड डॉन छोटा राजन (Chhota Rajan) को दिया गया है। तिहाड़ की 2 नंबर जेल के एक हाई सिक्योरिटी सेल में कैद किए गए राजन को जेल के भीतर जहर देकर मारने की धमकी इंडियाज मोस्ट वांटेड डॉन दाऊद इब्राहिम (Dawood Ibrahim) से हमेशा मिलती रही है. अभूतपूर्व सुरक्षा के तहत राजन को डॉक्टर की निगरानी में चाय-पानी से लेकर खाना तक दो-दो जिम्मेदारी इंसानों द्वारा जांच के बाद ही दिया जाता है। यह इंतजाम रात-दिन बदस्तूर जारी रहे, इसलिए डॉन की सेल के बराबर में ही एक बेहद खास मगर आस्थायी रसोई बनाई गई है। खाने की किसी भी वस्तु में कोई संदिग्ध चीज मिलाने की संभावनाओं को पूर्णत: विराम देने के लिए दो जेल के दो बावर्ची भी मुहैया कराए गए हैं.

आईएएनएस के सूत्रों के मुताबिक, किसी जमाने में डी-कंपनी यानी दाऊद के ही साथ मिलकर अपराध की दुनिया में खड़ा होने वाला छोटा राजन जेल नंबर-2 के भीतर कैद है। सूत्र इस बात से भी इनकार नहीं करते कि छोटा राजन के चलते तिहाड़ की जिस 2 नंबर जेल में दो-ढाई साल पहले तक 15-20 कैदी भरे रहते थे। उस तिहाड़ जेल में अब महज आज मय छोटा राजन बमुश्किल पांच से 6 कैदी ही बंद हैं. बताते तो यह भी हैं कि जेल नंबर-2 में जिस वार्ड वाले ब्लॉक की सेल में रखा गया है, वहां दूसरा और कोई नहीं. राजन के ब्लॉक के आसपास वाली सेल में जो प्रमुख कैदी है, उनमें बिहार के माफिया डॉन शहाबुद्दीन का नाम अक्सर जेल के बाहर चर्चा का विषय बना रहता है। जबकि दूसरा नाम राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के खूंखार गैंगस्टर नीरज बबानिया का नाम है। भले ही छोटा राजन के इर्द-गिर्द क्यों न दो-तीन इतने खूंखार कैदी रहते हों, मगर चाक-चौबंदी का आलम यह है कि कोई भी कैदी पड़ोसी सेल में बंद किसी भी कैदी का चेहरा नहीं हो सकता.सूत्रों के मुताबिक, इकलौते छोटे राजन की सुरक्षा के इतने बड़े-बड़े तमाम इंतजामों के पीछे सबसे बड़ी भूमिका निभा रहे हैं दो या तीन बावर्ची (खाना बनाने) और एक अस्थायी रसोई। यह बावर्ची इसी अस्थायी रसोई में (सूत्रों के मुताबिक, रसोई संभवत: सेल के बाहर बरामदे में बनी हो सकती है) छोटा राजन का सुबह का नाश्ता, दोपहर और रात का खाना बनाते हैं। एहतियातन बरती जा रही कड़ी सुरक्षा का आलम यह है कि छोटा राजन खाना तभी खाएगा, जब उसे बनाने वाला बावर्ची पहले खुद और फिर उसके बाद तिहाड़ जेल का डॉक्टर टेस्ट करेंगे. यह भी पढ़े: जेडे हत्याकांड: मुंबई की विशेष मकोका अदालत छोटा राजन समेत 11 आरोपियों पर आज सुनाएगी फैसला

हां, यह जरूर है कि छोटा राजन के भी खाने में वही एक दाल, एक सब्जी और जरूरत के मुताबिक 4-5 रोटियां दी जाती हैं, जो जेल मैनुअल कहता है। इन सब एहतियातों की जद में कहीं न कहीं डी कंपनी की वो धमकी भी दबी-छुपी-झांकती नजर आती है, जिसमें छोटा राजन को खाने में जहर मिलाकर मौत की नींद सुलाने की खबरें अक्सर सामने आती रही हैं. इन तमाम एहतियातों के बावजूद छोटा राजन के बड़े सुरक्षा इंतजामों में कहीं, कभी कोई बड़ी सेंध न लग जाए, इसलिए 24 घंटे कड़ी पहरेदारी भी है। इस क्रम में एक जेल सुपरिंटेंडेंट, एक डिप्टी सुपरिंटेंडेंट सहित 8-10 वार्डर और हेड-वार्डर का पहरा दिन-रात रहता है। इतना ही नहीं, तमिलनाडु स्पेशल पुलिस के हथियारबंद जवान भी वार्ड-ब्लॉक और सेल के इर्द-गिर्द ही मुस्तैद रहते हैं. सूत्र बताते हैं कि जब राजन तिहाड़ पहुंचा था तो कुछ दिनों तक वकीलों का आना-जाना जेल में लगा रहता था। कई महीने तक तमाम खुफिया और जांच एजेंसियों के अफसरान का भी जेल में जमघट लगा रहा था। वक्त के साथ अब सब शांत है। करीब 20-21 फुट लंबी और 13-14 फुट चौड़ी कोठरी यानी सेल में अब राजन से कोई मिलने नहीं आता। हां, जेल की चाहरदीवारी के भीतर मौजूद संकरी कोठरी में जब कभी छोटा राजन का मन व्याकुल होता है तो वह सेल के बाहर मौजूद नाम मात्र के छोटे से बरामदे में चंद कदम चहलकदमी करता है और फिर कोठरी में खुद को कैद कर लेता है.

इन बेहद संवेदनशील हालात में एशिया की उस सबसे महफूज समझी जाने वाली तिहाड़ जेल में जहां परिंदा भी पर नहीं मार सकता हो, लेकिन धमकी जब डी कंपनी की हो तो फिर, हिंदुस्तानी हुक्मरानों और तिहाड़ जेल के आला-अफसरान को 'छोटा राजन' की सुरक्षा के 'बड़े-इंतजाम' करने पर मंथन करना जरूरी हो जाता है. हालांकि आईएएनएस से बात करते समय तिहाड़ जेल के महानिदेशक संदीप गोयल ने राजन को लेकर किसी भी सूचना को साझा करने से साफ मना कर दिया। हां, उन्होंने यह जरूर कहा कि 'राजन तिहाड़ जेल में बंद है और हम भरोसे के साथ कह सकते हैं कि उसे एक मजबूत सुरक्षा घेरे में रखा गया है। यह करना हमारी जिम्मेदारी है।' अपने इस बयान के आगे संदीप गोयल ने कोई और जानकारी साझा करने से साफ इनकार कर दिया. उल्लेखनीय है कि मुंबई में जन्मा छोटा राजन अपराध की दुनिया में जब चरम पर था, तो उसे सन् 2015 में बाली (इंडोनेशिया) में गिरफ्तार किया गया था। छोटा राजन की गिरफ्तारी ऑस्ट्रेलियाई पुलिस से मिली सूचना के आधार पर हुई थी। बाद में उसे प्रत्यर्पित कराकर भारत लाया गया था। यूं तो छोटा राजन पर भारत में तमाम मामले दर्ज हैं, जिनमें प्रमुख है मुंबई में पत्रकार जे.डे की सनसनीखेज हत्या।