तेजी से फैलने लगा COVID का JN.1 वेरिएंट, ओमिक्रॉन से अधिक संक्रामक, जानिए क्या कहते हैं एक्सपर्ट
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नई दिल्ली: नए साल के जश्न से पहले देश और दुनिया में एक बार फिर कोरोना महामारी लौट आई है. भारत में कोविड के नए वेरिएंट JN.1 के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. अब तक कई राज्यों में इसके संक्रमण के मामले मिल चुके हैं. WHO ने JN.1 सब-वेरिएंट को 'वैरिएंट ऑफ इंटरेस्ट' के रूप में क्लासिफाइ किया है. JN.1 कोविड के Omicron वेरिएंट का सबवेरिएंट है. ये जानलेवा नहीं, लेकिन बेहद संक्रामक है. लेकिन जिन लोगों को पहले से कोई बीमारी है या इम्यूनिटी कमजोर है, उनके लिए इस वायरस के संक्रमण से मुश्किल बढ़ सकती है. COVID-19: कोविड-19 के संक्रमण से उबरने के महीनों बाद भी मस्तिष्क में सूजन बरकरार पायी गई- अध्ययन.

एम्स के पूर्व निदेशक और वरिष्ठ पल्मोनोलॉजिस्ट डॉ. रणदीप गुलेरिया ने बताया कि नया कोविड-19 उप-संस्करण जेएन.1 अधिक संक्रामक है, लेकिन गंभीर संक्रमण या अस्पताल में भर्ती होने का कारण नहीं बन रहा है. उनके मुताबिक, वैरिएंट धीरे-धीरे हावी हो रहा है.

भारत SARS-CoV-2 जीनोमिक्स कंसोर्टियम (INSACOG) के प्रमुख डॉ. एनके अरोड़ा के अनुसार, वर्तमान में JN.1 के खिलाफ वैक्सीन की अतिरिक्त खुराक की कोई आवश्यकता नहीं है. उन्होंने कहा, रोकथाम उन सभी के लिए आवश्यक है जो 60 वर्ष या उससे अधिक उम्र के हैं, जिन्हें सह-रुग्णताएं होने की संभावना है, और जो ऐसी दवाएं ले रहे हैं जो हमारी प्रतिरक्षा को दबा देती हैं, जैसे कैंसर के रोगी. यदि उन्होंने अब तक एहतियात नहीं बरती है तो उन्हें एहतियात बरतने की सलाह दी जाती है."

भारत में JN.1 वेरिएंट

भारत में अब तक नए कोविड वेरिएंट के 22 मामले सामने आए हैं, जिससे पूरे देश में चिंता फैल गई है. पहला केस केरल में 79 साल की महिला में मिला था. कुल मामलों में से, 19 गोवा में, एक-एक केरल और महाराष्ट्र में पाए गए हैं, जबकि एक मामले का विवरण अभी तक सामने नहीं आया है.

बढ़ते मामलों को देखते हुए स्वास्थ्य मंत्रालय ने स्क्रीनिंग और निगरानी करने की एडवाइजरी जारी की है, जिसमें सभी राज्यों से स्क्रीनिंग बढ़ाने, इन्फ्लूएंजा जैसी गंभीर श्वसन बीमारियों के मामलों की तुरंत रिपोर्ट करने, RT-PCR टेस्ट को बढ़ाने और जीनोम अनुक्रमण के लिए पॉजिटिव नमूने इकट्ठे करने को कहा गया है.