नई दिल्ली: देश में कोरोना संक्रमण के दर तेजी से बढ़ती जा रही है. प्रतिदिन एक लाख से ज्यादा आ रहे हैं. ऐसे में हर किसी को इंतजार है कोरोना वैक्सीन का. सभी को उम्मीद है कि इस साल के अंत तक कोरोना वैक्सीन उपलब्ध हो जाएगी. लेकिन अब ये इंतजार और लंबा हो सकता है क्योंकि दुनिया की सबसे बड़ी वैक्सीन निर्माता कंपनी के प्रमुख ने कहा है कि साल 2024 के अंत से पहले सभी को दिये जाने के लिए कोरोना वायरस वैक्सीन (Coronavirus Vaccine) का निर्माण नहीं हो सकेगा. सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (Serum Institute of India) के सीईओ अदार पूनावाला ने कहा है कि 2024 तक भी पूरी दुनिया के लोगों तक वैक्सीन नहीं पहुंच पाएगी.
फाइनेंशियल टाइम्स को दिए एक इंटरव्यू में सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (Serum Institute of India) के प्रमुख अदार पूनावाला (Adar Poonawalla) ने कहा कि दवा कंपनियों ने उत्पादन में तेजी से बढ़ोतरी नहीं की है. पूनावाला ने कहा, "2024 के अंत तक भी इतनी कोरोना वायरस वैक्सीन नहीं बन पाएगी कि दुनियाभर के सभी लोगों को मिल सके. उन्होंने कहा, सभी को वैक्सीन मिलने में चार से पांच साल का समय लग जाएगा." यह भी पढ़ें | Corona Virus: प्रयोगशाला में ग्राफीन का उपयोग कर 2 कोरोना वायरसों को निष्क्रिय किया गया .
पूनावाला ने फाइनेंशियल टाइम्स को बताया, "मुझे पता है कि दुनिया इस पर आशावादी बनना चाहती है .... लेकिन मुझे किसी के अभी तक इस स्तर के करीब आने की जानकारी नहीं मिली है." AstraZeneca के साथ डील के तहत सीरम इंस्टीट्यूट 68 देशों के लिए और Novavax के साथ वह 92 देशों के लिए वैक्सीन बना रही है. उन्होंने आगे दावा किया कि अगर कोरोना वायरस की वैक्सीन भी खसरा( Measles) और रोटावायरस (Rotavirus) की तरह दो-डोज की वैक्सीन होगी, तो दुनिया को 15 बिलियन डोज चाहिए होंगी.
सीरम इंस्टीट्यूट एक वैक्सीन विकसित करने में लगा है, जिसकी 1 अरब डोज तैयार की जानी हैं. वादा किया गया है कि इसमें से 50 फीसदी भारत के लिए होंगी. यह कंपनी रूस के गमलेया रिसर्च इंस्टीट्यूट के साथ स्पूतनिक वैक्सीन बनाने के लिए भी गठजोड़ कर सकती है. यह देखते हुए कि ज्यादातर विकासशील दुनिया के लिए टीके बनाने का काम सीरम इंस्टीट्यूट कर रहा है.