दुनिया के कई देशों में कोरोना वायरस (COVID-19) के मामले एक बार फिर से बढ़ने लगे हैं. ओमिक्रॉन के सब-वेरिएंट BA2 के चलते दक्षिण कोरिया, चीन, दक्षिण पूर्व एशिया सहित ब्रिटेन और यूरोप के कई देशों में कोरोना वायरस संक्रमण के मामलों में इजाफा देखा जा रहा है. अन्य देशों में कोरोना के खतरे को देखते हुए भारत में भी सरकार अलर्ट हो गई है. इस बीच कई एक्सपर्ट का कहना है कि भारत में भी कोरोना की चौथी लहर आ सकती है. भारत को लेकर विशेषज्ञों का मानना है कि भारत में भविष्य में आने वाली कोरोना की लहरों के गंभीर प्रभाव होने की संभावना नहीं है. Corona Fourth Wave: जून में आ सकती है कोरोना की चौथी लहर, अगस्त में चरम पर होगा कोविड: IIT कानपुर.
विशेषज्ञों का मानना है कि भारत में तेजी से हो रहे वैक्सीनेशन और नेचुरल इम्युनिटी के चलते आने वाले समय में कोरोना की लहरों का गंभीर प्रभाव होने की संभावना नहीं है. इस बीच केंद्र सरकार ने आगाह किया कि ओमिक्रॉन अभी भारत से गया नहीं है.
भारत में फिलहाल कोरोना के मामले कम हो रहे हैं लेकिन खतरा बरकरार है. कोरोना की चौथी लहर को लेकर इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) के एक वरिष्ठ वैज्ञानिक ने कहा, जरूरी नहीं जो दूसरे देशों में हुआ, भारत में भी वैसे ही हालात देखने को मिलें.
जून में आ सकती है चौथी लहर
आईआईटी कानपुर के वैज्ञानिकों का दावा है कि कोरोना की चौथी लहर की दस्तक 22 जून से हो सकती है. 23 अगस्त के करीब चौथी लहर का पीक होगा और 22 अक्तूबर तक इसका प्रभाव पूरी तरह धीमा पड़ जाएगा.
चीन और दक्षिण पूर्व एशिया के साथ-साथ यूरोप के कुछ देशों में बढ़ते कोरोना संक्रमण को देखते हुए भारत सरकार सावधान हो गई है. केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने कहा था कि किसी प्रदेश का शासन-प्रशासन यह सोचकर लापरवाह न हो जाए कि अब कोराना समाप्त हो गया है.