COVID-19 Smart Wrist Band: देश में कोरोना वायरस (Coronavirus) संक्रमण की रफ्तार दिन-ब-दिन बढ़ती ही जा रही है और संक्रमितों की तादात में लगातार इजाफा हो रहा है. कोरोना संकट (Corona Crisis) के बीच एक राहत भरी खबर भी सामने आई है. एम्स नागपुर (AIIMS) Nagpur) ने आईआईटी जोधपुर (IIT Jodhpur) और भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान (Indian Institute of Information Technology) के साथ मिलकर एक स्वदेशी कोविड-19 ट्रैकर (COVID-19 Tracker) को विकसित किया है, जिसकी मदद से क्वारेंटाइन सेंटर (Quarantine Center) में बरती जाने वाली लापरवाही के साथ-साथ कोविड-19 मरीजों और संदिग्धों की पल-पल की जानकारी रखने में मदद मिल सकेगी. इस कोविड-19 ट्रैकर (COVID-19 Smart Wrist Band) को कलाई पर बांधने के बाद मरीज या संदिग्ध की हर हरकत को ट्रैक किया जा सकेगा.
कोरोना वायरस पॉजिटिव मरीजों और संदिग्ध रोगियों की ट्रैकिंग व निगरानी के लिए बनाए गए स्वदेशी कोविड-19 स्मार्ट कलाई बैंड को लेकर एम्स नागपुर के फिजियोलॉजी के सहायक प्रोफेसर डॉ. प्रथमेश कांबले का कहना है कि यह डिवाइस जियो फेसिंग तकनीक का उपयोग करके मोबाइल फ्री ऑपरेशन प्रदान करता है, जो क्वारेंटाइन सेंटर में किसी भी उल्लंघन पर वास्तविक समय का अलर्ट प्रदान करेगा.
देखें ट्वीट-
Dr Prathamesh Kamble, Assistant Professor, Physiology, AIIMS Nagpur says, "This device can provide mobile free operation, using a geo-fencing technology which will provide real-time alert on any breach in the quarantine zone." https://t.co/ICnU6FrkP3
— ANI (@ANI) July 23, 2020
इस ट्रैकर की खासियत यह है कि इससे कोरोना मरीजों और संदिग्धों की मॉनिटरिंग के लिए ऐप या ऑनलाइन निगरानी की जरूरत नहीं रह जाएगी. इसके लिए इंटरनेट की जरूरत नहीं होगी. जिस मरीज या संदिग्ध के हाथ में यह ट्रैकर होगा, उसके आने-जाने से लेकर उसकी सेहत से जुड़ी हर जानकारी आसानी से मिल पाएगी. इस डिवाइस में खास तरह का चिप लगा है जो बैटरी के जरिए काम करता है. इसमें लगी बैटरी को एक बार चार्ज करने पर इसका इस्तेमाल 25 से 30 दिन तक किया जा सकेगा. यह भी पढ़ें: Aarogya Setu: COVID-19 के खतरे से सावधान करेगा आरोग्य सेतु, जानें कैसे करें इस कोरोना ट्रैकिंग ऐप का इस्तेमाल
इस डिवाइस की सबसे खास बात तो यह है कि इसे बनाने में महज 2 हजार रुपए का खर्च आया है और अगर अधिक संख्या में इसे बनाया जाए तो इसका खर्च डेढ़ हजार तक आएगा. यह डिवाइस वर्तमान में मौजूद मॉनिटरिंग ऐप की सभी सीमाओं को पार करके काम करने में सक्षम है, जो क्वारेंटाइन का उल्लंघन करने वालों की तत्काल जानकारी देने में सक्षम है. जो भी व्यक्ति इस डिवाइस को अपनी कलाई में बांधेगा उसके शरीर के तापमान, पल्स रेट, रेस्पिरेटरी रेट और ऑक्सीजन स्तर की पल-पल की जानकारी मिलती रहेगी.