COVID-19 संक्रमण में बुखार आने पर ठंडे पानी की पट्टी रखना सुरक्षित है या नहीं?
कोरोना की जांच (Photo Credits: Twitter)

कोरोना संक्रमितों की संख्‍या 67 लाख के करीब हो चुकी है, जिसमें देश के कई बड़े मंत्री, कई मुख्‍यमंत्री और नेता भी संक्रमित हो चुके हैं. मामले लगातार बढ़ रहे हैं. देश के सभी विभाग, स्वास्थ्य मंत्रालय, आयुष मंत्रालय जैसे कई मंत्रालय कोरोना से बचाव के उपाय में लगे हुए हैं.  लेकिन जैसे-जैसे कोरोना पर नये शोध सामने आ रहे हैं लोगों को समाधान और बचाव के उपाय से रूबरू कराया जा रहा है. इसी के तहत सर गंगाराम अस्‍पताल, नई दिल्ली के डॉ. मोहसिन वली (Dr. Mohsin Vali) ने कई अहम जानकारी दी.

MASK का मतलब

डॉ वली ने सबसे पहले मास्क का मतलब लोगों को समझाते हुये बताया कि मास्क का मतलब M-मेरा, A-अपना, S-सुरक्षा, K-कवच, यानी अगर कहीं गोली चल रही है तो हर कोई बचने के लिये सुरक्षा कवच पहनना चाहेगा.इसी तरह वायरस भी एक तरह का दुश्मन है जो शरीर में घुस कर हमें मार देगा या परेशान करेगा. इससे बचना जरूरी है. दरअसल यह सुरक्षा कवच काफी सस्ता है, शायद इसलिये लोग सोचते हैं कि यह सुरक्षित रख पायेगा या नहीं. सभी को यह समझना होगा कि वायरस केवल भारत में ही नहीं, बल्कि पूरे विश्व में है और सभी देशों में मास्क पर शोध हुए हैं और इसे प्रभावी माना गया है. चीन, जहां से वायरस निकला, मास्क के दम पर ही कोरोना से काफी हद तक जंग जीत चुका है. यह भी पढ़े: Coronavirus Symptoms: नाक में नजर आने वाले ये दो लक्षण हो सकते हैं कोविड-19 का संकेत

बुखार में ठंडे पानी की रख सकते हैं पट्टी

वहीं सभी जानते हैं कोरोना वायरस 70 डिग्री तापमान में ही नष्ट हो सकता है। ऐसे में अगर किसी को वायरस का बुखार है तो ठंडा पानी का पट्टी रखने को लेकर लोगों में कई तरह की आशंकाये हैं। इस बारे में डॉ वली ने कहा कि कुछ लोग मानने लगे थे कि शरीर गरम होने से वायरस नष्ट हो जाता है, लेकिन ये वायरस 55 डिग्री सेल्सियस तक तापमान में भी नहीं मरता है.  फिर चाहे गर्म पानी पीये, ठंडे पानी की पट्टी करें, एसी चलायें कोई असर नहीं होता है.इसलिये बुखार की दवा खायें, ऐसे घर में रहे जहां वेंटिलेशन हो.  अगर एसी में हैं तो हवा आने, जाने की सुविधा हो, अगर नहीं है तो खिड़की दरवाजे खुले रखें.

देश में कई कोरोना टेस्टिंग किट मौजूद

इस दौरान उन्होंने बताया कि भारत टेस्टिंग क्षमता में आगे बढ़ रहा है। कल तक हमारे देश में टेस्टिंग किट बाहर से मंगानी पड़ रही थी। लेकिन अब कई ऑप्शन आ गये हैं। उन्होने कहा कि आरटी-पीसीआर टेस्ट को गोल्ड स्टैंडर्ड माना जाता है, जिनमें गले और नाक से स्वॉब लेते हैं। ये करीब 70 प्रतिशत तक सटीक परिणाम बताता है कि व्यक्ति संक्रमित है या नहीं। इसके अलावा पश्चिम बंगाल के एक वैज्ञानिक ने एक टेस्ट विकसित किया है। इसकी सेंस्टि‍विटी काफी अच्छी है और 98 प्रतिशत मानी जा रही है, इसकी कीमत 500 रुपये तक होगी। बहुत जल्द ICMR इसे प्रयोग में लाने के निर्देश जारी करेगा। हालांकि इसके अलावा कई और टेस्टिंग किट भी आ चुकी हैं।