नई दिल्ली: कोविड-19 महामारी की अभूतपूर्व दूसरी लहर के कारण राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली (Delhi) को बड़ी चुनौती का सामना करना पड़ रहा है. कोरोना मामलों के असाधारण उछाल ने दिल्ली की स्वास्थ्य संरचना और क्षमता पर जबरदस्त दबाव डाला है. केंद्र और राज्य सरकार, दोनों ही इन चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में चिकित्सा जरूरतों को पूरा करने में लगे हुए हैं, लेकिन तब भी कमी को पूरा नहीं किया जा पा रहा है. इस बीच दिल्ली की सरकार ने ऑक्सीजन संकट (Oxygen Crisis) से निपटने के लिए अहम कदम उठाया है. कोविड-19 : दिल्ली में संक्रमण से 311 और मरीजों की मौत, संक्रमण दर गिरकर 26.37 फीसदी हुई
दिल्ली सरकार ने कहा है कि होम आइसोलेशन में रह रहे ऑक्सीजन की आवश्यकता वाले सभी लोग http://delhi.gov.in पर एक वैध फोटो पहचान पत्र, आधार कार्ड के विवरण और कोविड-19 पॉजिटिव रिपोर्ट के साथ आवेदन कर सकते हैं.
Delhi Government says all persons requiring oxygen for home isolation can apply on https://t.co/a9JS34ui8y with a valid photo ID, Aadhaar card details and COVID positive report pic.twitter.com/QVbx4LXpj4
— ANI (@ANI) May 6, 2021
वहीं, दिल्ली में ऑक्सीजन की सुचारू आपूर्ति के लिए राज्य सरकार ने कई जोन में रिस्पांस पॉइंट भी बनाए हैं. जब भी किसी अस्पताल से ऑक्सीजन के लिए कोई इमरजेंसी काल आती है तो मायापुरी और राजघाट रिस्पांस पाइंट से रिजर्व ऑक्सीजन स्टॉक भेजा जा रहा है.
दिल्ली हाईकोर्ट ने बुधवार को कहा कि अस्पताल प्रबंधन द्वारा ऑक्सीजन की कमी के बारे में झूठे चेतावनी संदेश नहीं दिए जाने चाहिए क्योंकि इससे पहले से ही दबाव झेल रहे सरकारी तंत्र पर अनावश्क रूप से बोझ और बढ़ जाता है. इसके साथ ही अदालत ने दिशा-निर्देश तय किए कि कब इस तरह के एसओएस (त्राहिमाम संदेश) जारी किए जाएंगे.
कोर्ट ने कहा कि जब अस्पताल के पास छह घंटे या उससे कम समय की ऑक्सीजन बाकी हो, तो उसे पहले अपने आपूर्तिकर्ता से संपर्क करना चाहिए. उन्होंने कहा कि अगर कोई कार्रवाई नहीं होती है तो अस्पताल को नोडल अधिकारी को सूचना देनी चाहिए. इसके बाद भी आपूर्ति प्राप्त नहीं होने और केवल तीन घंटे की ऑक्सीजन बची होने की सूरत में वे न्याय मित्र एवं वरिष्ठ वकील राजशेखर राव या वरिष्ठ वकील राहुल मेहरा या दिल्ली सरकार के अतिरिक्त स्थायी वकील सत्यकाम से संपर्क कर सकते हैं. (एजेंसी इनपुट के साथ)