Mumbai: वकीलों ने नाबालिग यौन शोषण पीड़िताओं की पहचान उजागर की, बॉम्बे HC ने 10000 Rs का जुर्माना लगाया
बॉम्बे हाईकोर्ट (Photo Credits ANI)

मुंबई, 12 जनवरी: बंबई उच्च न्यायालय ने याचिकाओं में नाबालिग यौन शोषण पीड़िताओं की पहचान उजागर किए जाने पर नाखुशी जाहिर की और दो वकीलों पर पीड़िता की मां की पहचान उजागर करने पर 10,000 रुपये का जुर्माना लगा दिया. यह दूसरी बार है जब अदालत ने यौन शोषण पीड़िताओं की पहचान के इस तरह के खुलासे पर चिंता जताई है. Nupur Sharma Gets Arms License: नूपुर शर्मा को मिला हथियार का लाइसेंस, पैगंबर पर विवादित टिप्पणी के बाद जान पर खतरा

न्यायमूर्ति रेवती मोहिते डेरे और न्यायमूर्ति पीके चव्हाण की खंडपीठ ने नौ जनवरी के अपने आदेश में कहा कि यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण (पॉक्सो) अधिनियम में दी गई हिदायत के बावजूद, याचिकाकर्ता के वकील हृषकेश मुंदरगी और मनोज तिवारी ने याचिका में पीड़िता की मां के नाम का उल्लेख किया है और तस्वीरें, चैट तथा ईमेल भी संलग्न किए हैं.

अधिनियम पीड़ित परिवार के सदस्यों की पहचान का खुलासा करने पर रोक लगाता है. पीठ ने कहा, "इसके चलते, हम अधिवक्ता पर 10,000 रुपये का जुर्माना लगाते हैं. उक्त राशि का भुगतान आज से एक सप्ताह के भीतर मुंबई में कीर्तिकर विधि पुस्तकालय को किया जाना चाहिए."

अदालत ने यह भी निर्देश दिया कि याचिका में संशोधन किया जाए और पीड़िता की मां का नाम तथा तस्वीरें हटा दी जाएं. पीठ एक व्यक्ति द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें उसने अपने खिलाफ दर्ज यौन उत्पीड़न के मामले को रद्द करने की मांग की थी. दिसंबर 2022 में, इसी पीठ ने एक कानूनी फर्म पर 5,000 रुपये का जुर्माना लगाया था, जिसने याचिका में एक यौन शोषण पीड़िता के नाम का जिक्र किया था.

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