COVID-19 के खिलाफ भारत में आज से महाअभियान शुरू, सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में होगा कोरोना वैक्सीन का ड्राई रन
कोरोना वायरस महामारी को जड़ से मिटाने के मकसद से आज (2 जनवरी) से सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में कोविड-19 वैक्सीन का ड्राई रन शुरू किया जायेगा. केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने देशभर में कोविड-19 टीकाकरण ट्रायल रन के लिए सभा स्थलों पर की गई तैयारियों की समीक्षा को लेकर गुरुवार को एक उच्च-स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की.
नई दिल्ली: कोरोना वायरस (Coronavirus) महामारी को जड़ से मिटाने के मकसद से आज (2 जनवरी) से सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में कोविड-19 वैक्सीन का ड्राई रन शुरू किया जायेगा. केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने देशभर में कोविड-19 टीकाकरण ट्रायल रन के लिए सभा स्थलों पर की गई तैयारियों की समीक्षा को लेकर गुरुवार को एक उच्च-स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की. COVID-19 Strain: भारत में बढ़ रहा नए कोरोना वायरस का दायरा, 4 और मामलों के साथ कुल संक्रमितों की संख्या हुई 29
मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों ने केंद्रीय मंत्री को उन विभिन्न सुधारों के बारे में बताया, जो शनिवार के देशव्यापी ड्राई रन को किसी भी तरह की गड़बड़ी से मुक्त बनाने के लिए उठाए गए हैं. डॉ. हर्षवर्धन ने सभी अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने की अपील की कि टीकाकरण स्थल और प्रभारी अधिकारी विस्तृत चेकलिस्ट का पालन करें. इसके अलावा टीकाकरण के लिए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा तैयार की गई मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) का भी पालन किया जाए. ड्राई रन के संचालन में मार्गनिर्देशन के लिए एसओपी को राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के साथ भी साझा किया गया है.
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि ड्राई रन को एक उदाहरण के रूप में स्थापित करने के लिए प्रशासन और चिकित्सा अधिकारियों के बीच बेहतर समन्वय की जरूरत है, जिससे बाद में बड़े पैमाने पर टीकाकरण अभियान को सक्षम किया जा सकेगा. उन्होंने इस आयोजन को चुनावों में शामिल जन भागीदारी के बराबर महत्व दिया.
डॉ. हर्षवर्धन ने आगे कहा, ‘आइए हम इसके सूक्ष्म विवरण पर ध्यान देने के साथ एक वास्तविक अभ्यास के रूप में इसे लागू करने का प्रयास करें. आपसी समझ बनाने के लिए सही समन्वय एक लंबा रास्ता तय करने वाला होगा, जिससे आगामी टीकाकरण अभियान बिना किसी गड़बड़ी के आगे बढ़ सके.’
दिल्ली में 1994 के पल्स पोलियो अभियान का उल्लेख करते हुए डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि चूंकि टीकाकरण का काम अभिन्न रूप से लोगों की आपसी सहभागिता पर निर्भर है, इसलिए संबंधित हितधारकों, एनजीओ, नागरिक समाज संगठन (सीएसओ) और अन्य को एक साथ आने की जरूरत है. इसके अलावा उन्होंने सभा स्थलों, कोल्ड चेन प्वाइंट्स और टीके के परिवहन के दौरान पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था की आवश्यकता पर भी जोर दिया. उन्होंने मॉक ड्रिल को लेकर अपनी तैयारियों पर विश्वास व्यक्त किया और केंद्रीय मंत्री को यह आश्वासन दिया कि वे चिह्नित लाभार्थियों के टीकाकरण के वास्तविक अभ्यास को लेकर पूरी तरह तैयार हैं.