लखनऊ. तेजी से पैर पसार रहे कोरोना वायरस संक्रमण के मद्देनजर उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य के सभी शिक्षण संस्थानों को दो अप्रैल तक बंद करने और सभी परीक्षाएं स्थगित करने का फैसला लिया है। इससे पहले जारी एक आदेश में स्कूल-कॉलेजों को 22 मार्च तक बंद किया गया था. लोकभवन में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक के बाद सरकार के प्रवक्ता श्रीकांत शर्मा ने बताया कि सभी स्कूल-कॉलेज दो अप्रैल तक बंद रखने और अगले आदेश तक परीक्षाएं स्थगित करने का निर्णय लिया गया है.सरकार जिलाधिकारियों के माध्यम से प्रदेश के सभी धर्म गुरुओं से अपील करेगी कि वे मंदिरों, मस्जिदों, गुरुद्वारों और गिरिजाघरों में भीड़ जमा होने से रोकें। राज्य में किसी भी प्रकार के धरना प्रदर्शन पर भी पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया गया है.
उन्होंने बताया कि राज्य के सभी सिनेमा घर, मल्टीप्लेक्स, जिम, पर्यटन स्थल भी दो अप्रैल तक बंद रहेंगे। इस अवधि में जिला प्रशासन द्वारा आयोजित तहसील दिवस और समाधान दिवस भी नहीं होगा. शर्मा ने बताया कि कोरोना वायरस संक्रमण का असर अब अब दिहाड़ी मजदूरों पर भी नजर आने लगा है. ऐसे मजदूरों के भरण पोषण के लिये सरकार ने प्रदेश के वित्त मंत्री की अध्यक्षता में श्रम मंत्री और कृषि मंत्री की तीन सदस्यीय टीम का गठन किया है. यह टीम तीन दिन में रिपोर्ट देगी और उसी आधार पर फैसला लिया जाएगा कि इनकी मदद कैसे की जाए. कितनी लोगों को और कितनी राशि देनी है, इसका फैसला होने के बाद उसके खातों में आरटीजीएस के जरिये धन डाला जाएगा. यह भी पढ़े-कोरोना वायरस का असर: अनुराग ठाकुर बोले-लोग COVID-19 से घबराएं नहीं, एहतियात बरतें
उन्होंने कहा कि प्रदेश में कोरोना वायरस का प्रकोप स्टेज-2 में है सरकार प्रयास कर रही है कि यह स्टेज-3 में ना पहुंचे. इसके साथ ही फैसला लिया गया है कि निजी क्षेत्र में कार्यरत पेशेवर घर से ही काम करें. अगर कोई सरकारी कर्मचारी कोरोना वायरस से संक्रमित होता है तो वह स्वस्थ होने तक अवकाश पर रहे, इस दौरान उसे सवैतनिक अवकाश दिया जाएगा.