Coronavirus Lockdown: लॉकडाउन के चलते बेरोजगार हुए पंचकूला के पेंटर ने लगाई मदद की गुहार, घर के बाहर पोस्टर पर लिखा- हेल्प अस

पंचकुला के दिहाड़ी पेंटर पवन कुमार को लॉकडाउन के चलते कोई काम नहीं मिल रहा है और उनके सामने परिवार के लिए भोजन का इंतजाम करने की चुनौती है, लेकिन उन्हें कोई मदद नहीं मिल रही है. मजबूरन उन्होंने चंडीगढ़-पंचकूला रोड़ पर अपने घर के बाहर एक पोस्टर पर हेल्प अस लिखकर मदद की गुहार लगाई है.

पेंटर ने घर के बाहर लगाया हेल्प अस का पोस्टर (Photo Credits: ANI)

Coronavirus Lockdown: कोराना वायरस महामारी (Coronavirus Pandemic) ने दुनिया भर में कोहराम मचा रखा है, जिसे नियंत्रित करना पूरे विश्व के लिए बड़ी चुनौती बनी हुई है. भारत में कोरोना वायरस (Coronavirus) संक्रमण के आंकड़ों में लगातार बढ़ोत्तरी हो रही है और मरने वालों की तादात भी बढ़ रही है. हालांकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) के ऐलान के बाद भारत में 21 दिवसीय देशव्यापी लॉकडाउन (Lockdown) है, लेकिन लॉकडाउन के चलते कई लोगों के सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है. रोज कमाने और रोज खाने वाले लोगों के सामने बेरोजगारी और भूखमरी की चिंता सताने लगी है. पंचकुला के पेंटर पवन कुमार के सामने भी लॉकडाउन के चलते बेरोजगारी और भूखमरी सबसे बड़ी चुनौती बन गई है.

पंचकुला (Panchkula) के दिहाड़ी पेंटर (Daily Wage Painter) पवन कुमार को लॉकडाउन के चलते कोई काम नहीं मिल रहा है और उनके सामने परिवार के लिए भोजन का इंतजाम करने की चुनौती है, लेकिन उन्हें कोई मदद नहीं मिल रही है. मजबूरन उन्होंने चंडीगढ़-पंचकूला रोड़ पर अपने घर के बाहर एक पोस्टर पर 'हेल्प अस' लिखकर मदद की गुहार लगाई है. पेंटर पवन कुमार का कहना है कि लॉकडाउन के कारण मुझे अब कोई काम नहीं मिल रहा, पैसा बचा नहीं है... मेरी मदद कीजिए, ताकि मैं अपने बच्चों को खिला सकूं. यह भी पढ़ें: कोरोना से जिंदगी की जंग: दिल्ली में भूख और मुनाफाखोरो ने मजदूरों को सैकड़ो किमी चलने पर कर दिया मजबूर

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गौरतलब है कि प्रधानमंत्री मोदी ने 25 मार्च से 14 अप्रैल तक 21 दिवसीय लॉकडाउन का ऐलान किया है. दरअसल, कोरोना वायरस को हराने के लिए देश में लॉकडाउन का ऐलान किया है, लेकिन इसका सबसे ज्यादा प्रभाव दिहाड़ी मजदूरों, श्रमिकों और कारखानों में काम करने वाले कामगारों पर पड़ा है. लॉकडाउन के चलते सब कुछ बंद होने के चलते ये लोग न सिर्फ बेरोजगार हो गए हैं, बल्कि दाने-दाने के लिए भी परेशान नजर आ रहे हैं.

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