पश्चिम बंगाल सरकार ने शनिवार को कोरोना वायरस से बचने के लिए एहतियात के तौर पर सभी शैक्षणिक संस्थानों को 16 से 31 मार्च तक बंद रखने के निर्देश जारी किए हैं. प्रदेश में कोरोना वायरस के छह संदिग्धों को आइसोलेशन (एकांतवास) में रखा गया है, जबकि 1,977 लोग अपने घरों में एकांतवास में हैं. स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, प्रदेश में अभी तक 2,56,682 लोगों की स्क्रीनिंग की जा चुकी है. स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, राज्य में अब तक किसी भी व्यक्ति में वायरस की पुष्टि नहीं हुई है.
जिन छह संदिग्ध लोगों को कोरोना वायरस के लक्षण पाए जाने पर अस्पताल में भर्ती कराया गया, उनमें तीन भारतीय हैं और एक नागरिक पेरू से है. इन्हें बेलियाघाट स्थित अस्पताल में एकांतवास में रखा गया है. अस्पताल के एक अधिकारी ने कहा कि जांच रिपोर्ट नेगेटिव आने के बाद एक इतालवी दंपति और एक थाई नागरिक को शुक्रवार को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई.
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अधिकारी ने कहा कि कोलकाता और बागडोगरा हवाई अड्डों पर कुल 68,761 लोगों की जांच की गई है, जबकि नेपाल और बांग्लादेश के साथ सात लैंड बॉर्डर चेक पॉइंट्स पर 184,153 अन्य लोगों की स्क्रीनिंग की है. इसके अलावा तीन बंदरगाहों पर समुद्री जहाजों के चालक दल के 3,768 सदस्यों की जांच की गई है.
अधिकारी ने कहा, "अभी तक कोविड-19 प्रभावित देशों के 2,187 यात्रियों की पहचान की गई है और उन्हें निगरानी में रखा गया है. इनमें से 204 लोगों की निगरानी अवधि समाप्त हो गई है. छह को एक एकांतवास में रखते हुए भर्ती कराया गया है. बाकी 1,977 घर में ही निगरानी में हैं. सभी की हालत स्थिर है."
कुल 50 लोगों के नमूनों को नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (एनआईवी) पुणे और आईसीएमआर-एनआईसीईडी, कोलकाता में परीक्षण के लिए भेजा गया था और इन सभी की रिपोर्ट नेगेटिव आई है. राज्य के स्वास्थ्य विभाग ने सभी लोगों को कोरोना से सतर्क रहते हुए संक्रमण से अपना बचाव करने के लिए खास हिदायतें भी दी हैं.