नई दिल्ली: कांग्रेस (Congress) ने मंगलवार को 10 मार्च को विधानसभा चुनाव (Assembly Elections) के नतीजे घोषित होने के कुछ ही दिनों बाद ईंधन (Fuel) की कीमतों में बढ़ोतरी के लिए मोदी सरकार (Modi Government) की आलोचना की है. यहां मीडियाकर्मियों को संबोधित करते हुए, कांग्रेस नेता आनंद शर्मा (Anand Sharma) ने कहा, "सरकार ने केंद्रीय उत्पाद शुल्क बढ़ाकर 26 लाख करोड़ रुपये कमाए हैं. एलपीजी (LPG) की कीमतों में वृद्धि ने घरों पर बोझ डाला है." ईंधन की कीमतों में वृद्धि को लेकर राज्यसभा में विपक्ष का हंगामा, कार्यवाही दोपहर दो बजे तक स्थगित
आनंद शर्मा ने आरोप लगाया, "सरकार सिर्फ चुनाव परिणाम आने का इंतजार कर रही थी. एक बार फिर, उन्होंने वही किया है, जो वे पिछले आठ सालों से कर रहे हैं, बिना किसी औचित्य के गरीबों को चोट पहुंचा रहे हैं."
"जब आप अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमत को देखते हैं, तो यह सोमवार को 108 डॉलर प्रति बैरल थी. मनमोहन सिंह सरकार के दौरान, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार की बागडोर संभालने से पहले, कच्चे तेल की कीमत 108 डॉलर प्रति बैरल थी. हालांकि, भारत में तब और अब कच्चे तेल की समान कीमतों के बावजूद ईंधन की कीमतों के बीच एक तेज अंतर है."
मनोहर सिंह सरकार के दौरान दिल्ली में पेट्रोल और डीजल के दाम 69 रुपये और 60 रुपये थे.
राज्य के स्वामित्व वाली तेल विपणन कंपनियों द्वारा कीमतों में वृद्धि के साथ, राष्ट्रीय राजधानी में पेट्रोल और डीजल की कीमत में 80 पैसे प्रति लीटर की वृद्धि की गई है. पंप की कीमतों के अनुसार, राष्ट्रीय राजधानी में पेट्रोल की कीमत अब 87.47 रुपये प्रति लीटर और डीजल 96.21 रुपये प्रति लीटर है.
कांग्रेस नेता ने पूछा, "जब पिछली सरकारें गरीबों को नुकसान पहुंचाए बिना प्रबंधन कर सकती थीं, तो इस सरकार के पास बढ़ोतरी का क्या औचित्य है."
उन्होंने आरोप लगाया, "केंद्र सरकार ने अर्थव्यवस्था का गलत प्रबंधन किया है और जब भी वह कुछ धन जुटाना चाहती है, तो वह आम आदमी पर बोझ डालती है." उन्होंने कहा कि सबसे पुरानी पार्टी गरीबों की आवाज उठाना जारी रखेगी.